सबरीमाला: मंदिर में प्रवेश करने वाली महिला कनक को घर से निकाला

सबरीमाला: मंदिर में प्रवेश करने वाली महिला कनक को घर से निकाला
हाईलाइट
  • 800 साल पुरानी पंरपरा तोड़ने की दी गई सजा
  • सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली महिला कनक दुर्गा को घर से निकाला गया
  • ससुराल पक्ष द्वारा कनक दुर्गा को किया जा रहा प्रताड़ित

डिजिटल डेस्क,तिरुवनंतपुरम। केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रशासन की मदद से प्रवेश करने वाली महिला कनक दुर्गा को घर से निकाल दिया गया है। कनक दुर्गा ने मंदिर में प्रवेश कर 800 साल पुरानी पंरपरा को तोड़ा था। जिसके बाद से कनक दुर्गा को घर वालों के उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। कनक को सास द्वारा बेहरमी से पीटा गया था। जिसके बाद उसे कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब कनक को घर में घुसने नहीं दिया जा रहा है। फिलहाल कनक को पुलिस की निगरानी में शेल्टर होम में रखा गया है। घर से बाहर किए जाने के मामले में कनक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। 

जानकारी के मुताबिक, जब पुलिस कनक दुर्गा को अस्पताल से लेकर घर पहुंची, तो कनक के घर पर ताला लगा हुआ था। कनक के पति अपने दो बच्चे और मां के साथ घर में ताला लगाकर कहीं चले गए थे। बताया जा रहा कि कनक के परिवार से घर बदल लिया है। फिलहाल कनक को पुलिस की निगरानी में सरकारी आश्रय गृह में रखा गया है। 

बता दें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा था कि पचास साल से कम उम्र की दो महिलाओं बिंदू अम्मीनी और कनक दुर्गा ने सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में दर्शन किए।जिसके बाद सबरीमाला मंदिर के आसपास तनाव और अधिक बढ़ गया। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया। अदालत ने कनक दुर्गा और बिंदु अम्मीनी को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए। 

गौरतलब है कि मंदिर प्रशासन, हिंदूवादी संगठन, आरएसएस, बीजेपी और कांग्रेस का एक वर्ग सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री का विरोध कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले से पहले सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं की एंट्री प्रतिबंधित थी। ऐसी प्रथा है कि स्वामी अयप्पा ब्रह्मचारी हैं और माहवारी की आयु (10 से 50 साल) की महिलाएं मंदिर में नहीं जा सकती हैं। 

Created On :   23 Jan 2019 3:44 AM GMT

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