संसद में नहीं बोल पाए थे सचिन, फेसबुक पर रखी अपनी बात

sachin upload a video on facebook after failing to deliver speech in parliament
संसद में नहीं बोल पाए थे सचिन, फेसबुक पर रखी अपनी बात
संसद में नहीं बोल पाए थे सचिन, फेसबुक पर रखी अपनी बात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्‍ली। गुरुवार को संसद में अपना डेब्यू भाषण देने में नाकाम रहे सचिन ने शुक्रवार फेसबुक के जरिए अपनी बात देश की जनता के सामने रखी। पूर्व क्रिकेटर और राज्यसभा के मनोनीत सदस्य सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को फेसबुक पर अपना एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि देश में ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर हमें ध्यान देने की जरूरत है, जैसे- गरीबी, आर्थिक विकास, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य। एक खिलाड़ी होने के नाते मैं खेल, स्वास्थ्य और फिटनेस पर बात करूंगा जो हमारी इकोनॉमी पर गहरा असर डालते हैं। उन्होंने कहा, "मेरा विजन हेल्दी और फिट इंडिया है क्योंकि मैं मानता हूं कि जब युवा स्वस्थ होंगे, तभी देश में कुछ होगा"

बता दें कि सांसद और भारत रत्‍न सचिन सचिन तेंदुलकर गुरुवार को राज्यसभा में पहली बार भाषण देने उठे थे लेकिन सदन में हंगामे के चलते वे अपनी बात रखनें में नाकाम रहे थे। पीएम मोदी द्वारा गुजरात चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान से सांठ-गांठ करने के आरोपों पर विपक्ष माफी के लिए अड़ा हुआ था और इसी के चलते सचिन का भाषण इस हंगामे की भेंट चढ़ गया।

राज्यसभा में अपनी बात न रख पाने के चलते सचिन ने आज कहा, "जो मैं कल नहीं कह पाया वह मैं आज कह रहा हूं। हमें हेल्दी और फिट इंडिया के विजन को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा...

  • युवा देश होने के नाते हम लोग मानते हैं कि हम यंग हैं तो फिट हैं। लेकिन, हम लोग गलत हैं।
  • भारत डायबिटिक कैपिटल बन चुका है। साढ़े सात करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। 
  • मोटापे के मामले में भारत पूरी दुनिया में तीसरे स्‍थान पर है। 
  • इन बीमारियों के चलते स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी खर्च बहुत बढ़ गया है और यह भारत की इकॉनामिक ग्रोथ पर असर डालता है।
  • यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत मेंसाल 2030 तक ऐसी बीमारियों पर होने वाला खर्च चार करोड़ करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
  • हमारी फिटनेस के सेशन कुछ लाइट होते जा रहे हैं और खाने के सेशन बढ़ते जा रहे हैं। हमें आदत बदलनी होगी।
  • हमें फिटनेट और हेल्थ पर ध्यान देना होगा।
  • मोबाइल फोन के जमाने में हम सब इम्मोबाइल होते जा रहे हैं। 
  • हम लोग खेलों को देखते तो हैं लेकिन खेलते नहीं हैं। 
  • हमें खेल को पसंद करने वाले देश से बदलकर खेलना वाले देश बनने की जरूरत है।
  • जब हर व्यक्ति खेलेगा, तो उसकी फिटनेस और हेल्थ अच्छी रहेगी और यह देश के लिए एक बड़ा अचीवमेंट होगा।

Created On :   22 Dec 2017 11:31 AM GMT

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