अदनान सामी फॉमूर्ले से ही बाहरी मुस्लिमों को नागरिकता देने का पक्षधर है संघ

Sangh is in favor of giving citizenship to external Muslims from Adnan Sami Formulay.
अदनान सामी फॉमूर्ले से ही बाहरी मुस्लिमों को नागरिकता देने का पक्षधर है संघ
अदनान सामी फॉमूर्ले से ही बाहरी मुस्लिमों को नागरिकता देने का पक्षधर है संघ

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा से पास हुए नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को मुस्लिम विरोधी और भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के विरुद्ध बताए जाने का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने खंडन किया है।

संघ ने कहा है कि इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद भी मुस्लिमों के लिए भारतीय नागरिकता के दरवाजे बंद नहीं होंगे। पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि देशों में रहने में अगर किसी को डर लगता है तो वह भारत में नागरिकता के लिए निर्धारित नियम-कायदों को पूरा करते हुए आवेदन करे तो सरकार विचार करेगी।

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने आईएएनएस से कहा, हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन नागरिकता संशोधन बिल के विषय को गलत तरह से घुमाया जा रहा। इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद भी बाहरी मुस्लिमों के भारतीय नागरिक बनने के रास्ते बंद नहीं हो जाते। 2016 में पाकिस्तानी सिंगर अदनान सामी को इसी सरकार ने नागरिकता दी थी। बाहरी देशों का अगर कोई मुस्लिम भारत में रहना चाहे तो वह भी अदनान सामी की तरह गृह मंत्रालय की ओर से निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए अर्जी दे तो विचार होगा। पात्र होगा तो नागरिकता मिलेगी, नहीं तो नहीं।

उन्होंने कहा कि तस्लीमा नसरीन भी परमिट लेकर भारत में रह रहीं हैं। लेकिन पड़ोसी देशों में बहुसंख्यक होते हुए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के लिए प्रस्तावित कानून के जरिए कैसे किसी को नागरिकता मिल सकती है।

उधर, मंगवार को अदनान सामी ने भी ट्वीट कर कुछ इसी तरह का बात कही है। उन्होंने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा, इस बिल के बावजूद मुसलमानों के नागरिकता लेने पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, मुस्लिम पहले की तरह भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

लोकसभा में सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी कह चुके हैं कि बाहरी मुस्लिमों के भी आवेदन पर विचार होगा, मगर धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर नागरिकता नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा था, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के मुस्लिम अगर भारत में नागरिकता का आवेदन करते हैं तो उन पर खुले मन से विचार होगा। लेकिन उन्हें धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर नागरिकता देने पर विचार नहीं किया जाएगा।

अदनान सामी पहली बार 13 मार्च, 2001 को विजिटर्स वीजा पर भारत आए थे। उनके वीजा की अवधि समय-समय पर बढ़ती रही। इस बीच 26 मई, 2015 को एक्सपायर हुए पासपोर्ट को पाकिस्तानी सरकार ने रिन्यू नहीं किया था, जिसके बाद उनकी अर्जी पर भारत सरकार ने एक जनवरी 2016 से अनिश्चितकाल के लिए नागरिकता प्रदान की थी।

Created On :   10 Dec 2019 6:01 PM GMT

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