'कोर्ट से पूछकर मंदिर आंदोलन शुरू नहीं किया था, निर्माण के लिए भी पूछने की जरूरत नहीं'

Sanjay Raut says, no need to ask the court for Ram temple construction
'कोर्ट से पूछकर मंदिर आंदोलन शुरू नहीं किया था, निर्माण के लिए भी पूछने की जरूरत नहीं'
'कोर्ट से पूछकर मंदिर आंदोलन शुरू नहीं किया था, निर्माण के लिए भी पूछने की जरूरत नहीं'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद  की सुनवाई एक बार फिर टल गई है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी। शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि राम मंदिर आंदोलन कोर्ट से पूछकर शुरू नहीं किया गया था, इसलिए इसके निर्माण के लिए भी कोर्ट से पूछने की जरूरत नहीं है। रावत  ने कहा, "न तो कोर्ट से पूछकर अयोध्या आंदोलन शुरू किया गया था और न ही बाबरी मस्जिद का विध्वंस कोर्ट से पूछकर हुआ था। हमने कोर्ट से यह नहीं पूछा था कि हम मस्जिद तोड़कर यहां मंदिर का निर्माण करेंगे। इसलिए अयोध्या में  राम मंदिर भी कोर्ट से पूछकर नहीं बनाएंगे। वहां मंदिर बनना तय है।"

रावत ने मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा कि राम मंदिर से जुड़े सारे काम अब तक कोर्ट से पूछे बिना हुए हैं तो अब कोर्ट बीच में कहां से आ गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले की सुनवाई टालने पर उन्होंने कहा कि क्या कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अगले लोकसभा चुनाव तक चलेगी।

बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा समेत 3 जजों की बेंच ने इस विवाद को "जमीन विवाद" के तौर पर देखने की बात कही है। बेंच ने कहा है कि इस मामले को आस्था के विषय के रूप में नहीं देखा जाएगा। बेंच ने यह भी कहा है कि इस मामले की सुनवाई में अब नए पक्षकार नहीं जोड़े जाएंगे।

बेंच ने इस मामले में सभी पक्षों को दो हफ्ते में दस्तावेज तैयार करने का आदेश दिया है। साथ ही मामले की रोजाना सुनवाई से भी कोर्ट ने इनकार किया है। कोर्ट ने कहा है कि यह मामला महत्वपूर्ण है और हमें इसकी चिंता है, लेकिन कोर्ट में सुनवाई के लिए 700 ऐसे केस हैं जिनमें न्याय के लिए लोग गुहार लगा रहे हैं, हमें उनकी भी चिंता है। ऐसे में इसकी रोजाना सुनवाई फिलहाल संभव नहीं है।
 

Created On :   8 Feb 2018 7:47 PM IST

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