जस्टिस जोसफ केस: SC जस्टिस चेलामेश्वर ने लिखा CJI को पत्र

जस्टिस जोसफ केस: SC जस्टिस चेलामेश्वर ने लिखा CJI को पत्र
जस्टिस जोसफ केस: SC जस्टिस चेलामेश्वर ने लिखा CJI को पत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर-मोस्ट जज जे. चेलामेश्वर ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पत्र लिखा है। पत्र लिखकर उन्होंने कॉलेजियम की बैठक बुलाने को कहा है, ताकि उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की केंद्र से दोबारा सिफारिश की जा सके। बता दें कि इससे पहले बुधवार 2 मई को कॉलेजियम की मीटिंग हुई थी। माना जा रहा था कि इस मीटिंग में केएम जोसेफ के मामले पर फैसला हो सकता है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.   

सिर्फ एक ही एजेंडा
सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार शाम को CJI को भेजे पत्र में जस्टिस चेलमेश्वर ने जस्टिस जोसेफ को टॉप कोर्ट के जज के तौर पर प्रमोट करने के अपने फैसले को दोहराया है क्योंकि 10 जनवरी को कॉलेजियम द्वारा सरकार को की गई सिफारिश के बाद परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं आया है। अधिकारी ने बताया कि कोई दूसरा अजेंडा नहीं है, केवल केंद्र द्वारा जस्टिस जोसेफ की सिफारिश लौटाने पर बात होनी है, ऐसे में यह CJI पर है कि वह मीटिंग की तारीख कब रखते हैं। मालूम हो कि जस्टिस चेलामेश्वर 22 जून को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने जस्टिस जोसेफ के प्रमोशन पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा खड़े किए गए सभी पॉइंट्स का जवाब CJI को भेजे अपने पत्र में दिया है।

जोसेफ को SC का जज बनाने की सिफारिश 
बता दें कि SC के कॉलेजियम ने इसी साल 10 जनवरी को उत्तराखंड के चीफ जस्टिस जोसेफ और सीनियर वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की थी। सरकार ने इंदु मल्होत्रा के नाम पर मुहर लगा दी लेकिन जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश को खारिज कर फिर से विचार करने के लिए कॉलेजियम के पास भेज दिया था। कोर्ट का कहना था कि ये प्रस्ताव सर्वोच्च न्यायालय के मापदंड के अनुरूप नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में में केरल का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है क्योंकि जोसेफ केरल से आते हैं।

इंदु मल्होत्रा की शपथ ग्रहण का विरोध
वहीं जस्टिस जोसफ को सुप्रीम कोर्ट का जज ना बनाए जाने से नाराज वकीलों ने जज नियुक्त होने वाली इंदु मल्होत्रा का शपथ ग्रहण रोकने की मांग की थी। कोर्ट ने इस मांग को विचार से परे बताते हुए ठुकरा दिया था। सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच इस तरह की तनातनी की वजह से जोसेफ के मामले में होने वाली बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। कॉलेजियम के कुछ मेंबर केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इस बैठक में भी उनके मुखर होने की संभावना जताई जा रही है।

इन जजों ने की थी जस्टिस जोसेफ की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के कॉलेजियम ने जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की सिफारिश की थी। बता दें कि कॉलेजियम ने जनवरी में ऐसे जजों के नामों की सिफारिश की थी जिन्हें अपग्रेड किया जाना था। जिनमें जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस जोसेफ का नाम भी शामिल था।

इन पदों पर रहे चुके हैं जस्टिस जोसेफ 
जस्टिस जोसेफ ने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने के पीएम मोदी सरकार के फैसले को खारिज करने वाली पीठ की अगुवाई की थी। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। जोसेफ जुलाई 2014 से उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इस साल जून में वो 60 साल के हो जाएंगे। 14 अक्टूबर 2004 को उन्हें केरल हाई कोर्ट में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। 31 जुलाई 2014 को उन्होंने उत्तराखंड हाई कोर्ट का प्रभार संभाला था।

 

Created On :   10 May 2018 6:04 PM IST

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