सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की याचिका

sc refuses to entertain a plea seeking minority status for hindus in 8 states
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की याचिका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। SC ने उन 8 राज्यों की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है जिसमें हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पास जाने के लिए कहा। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली। 

दरअसल बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने SC में अर्जी दाखिल की थी जिसमें उसने देश के 8 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग की थी। याचिका में लिखा हुआ था कि देश के 8 राज्य लक्षद्वीप, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, नगालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और पंजाब में हिंदुओं की संख्या बहुत कम है तो इन राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक समुदाय में शामिल किया जाए और अल्पसंख्यक होने के नाते सारे लाभ इऩ्हें दिए जाए। अश्विनी उपाध्याय ने 1993 में केंद्र सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन को भी असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी। 

उपाध्याय ने अपनी याचिका में SC से कहा कि 23 अक्टूबर 1993 में नोटिफिकेशन जारी कर मुस्लिम समेत अन्य समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यकों का दर्जा दिया गया था। लेकिन 2011 के जनगणना के आंकड़ों को अगर देखें तो देश के 8 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, पर उन्हें इन राज्यों में यह दर्जा अभी तक नहीं मिला है। 

मांग को लेकर दिया ये तर्क


अश्विनी ने याचिका में कहा था कि, "सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने 2002 में फैसला दिया था कि अल्पसंख्यक का दर्जा राज्य स्तर पर दिया जाना चाहिए। 8 राज्यों में हिंदू बहुत कम हैं, बावजूद इसके उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं दिया गया। 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक- लक्षद्वीप में 2.5%, मिजोरम 2.75%, नगालैंड में 8.75%, मेघालय में 11.53%, जम्मू कश्मीर में 28.44%, अरुणाचल प्रदेश में 29%, मणिपुर में 31.39% और पंजाब में 38.4% हिंदू हैं। इन राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं मिलने से उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।" हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका पर सुनवाई से इनकार के बाद उन्होंने अब अपनी याचिका वापस ले ली है। 
 
 

Created On :   10 Nov 2017 2:34 PM IST

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