रोहिंग्या शरणार्थियों को मिल रही सुविधाओं पर SC ने मांगी 'स्टेटस रिपोर्ट'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। म्यांमार में हिंसा का शिकार हुए रोहिंग्या मुसलमान भारत में शरणार्थी बने हुए हैं। भारत सरकार इन्हें हर वो बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, जो उनके लिए जरूरी है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को सख्त निर्देश दिया है। SC ने कहा कि सरकार दिल्ली और हरियाणा में स्थित 3 रोहिंग्या शिविरों में उपलब्ध कराई जा रहीं बुनियादी सुविधाओं को लेकर विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करे। मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी।
मामले में सीजेआई दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने सुनवाई की थी। बेंच में जस्टिस ए. एम. खानविलकर और जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ भी हैं। सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को आदेशित करते हुए कहा कि वह मेवात, फरीदाबाद और दिल्ली स्थित 3 रोहिंग्या शिविरों को लेकर 4 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट पेश करे। बता दें कि म्यांमार के पश्चिमी रखाइन प्रांत में हिंसा के बाद भारत भागकर आए रोहिंग्या शरणार्थी जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, यूपी, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में रह रहे हैं।
रोहिंग्या शरणार्थी मोहम्मद सलिमुल्लाह और मोहम्मद शाकिर ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि जिस तरह तमिलनाडु में श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों को शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है, उसी तरह उन्हें भी उपलब्ध कराई जाए।
गौरतलब है कि भारत में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थी शुरू से ही सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाते आए हैं, कि उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। आरोप है कि उन्हें शिविरों में शौचालय, पेयजल और दूसरी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, जिस वजह से बच्चे और बुजुर्ग डायरिया के शिकार हो रहे हैं।
Created On :   9 April 2018 9:28 PM IST