30 लाख प्रकाश वर्ष दूर गैलेक्सी में पहली बार मिले एलियंस के संकेत

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। अंतरिक्ष में एलियन यानी पारलौकिक जीवों की तलाश कर रहे एक भारतीय वैज्ञानिक डॉ. विशाल गज्जर ने ड्वार्फ नाम की गैलेक्सी में पहली बार पांच घंटे के दौरान 15 रेडियो बर्स्ट (रेडिया तरंगों का विस्फोट) की आवाज सुनी है। ड्वार्फ गैलेक्सी धरती से 30 लाख प्रकाश वर्ष दूर है। डॉ. गज्जर की इस खोज से पता चलता है कि ड्वार्फ गैलेक्सी में कहीं जीवन का वजूद है, क्योंकि यह माना जाता है कि रेडियो तरंगों के आघात से एलियंस अपने अंतरिक्ष यान को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
गैलेक्सी से निकलेंगे 15 यान
डॉ. गज्जर 100 अरब डॉलर के ब्रेकथ्रू लिसन प्रोजेक्ट से जुड़े हैं। प्रोजेक्ट के एक बयान में कहा गया है, ’15 रेडियो बर्स्ट का मतलब यह हुआ कि 15 यान उस गैलेक्सी से निकले होंगे। हमारा सौर मंडल 2 अरब साल पुराना है। इस धरती पर जीवन सिंगल सेल के जीव से शुरू हुई। इस बहुकोषीय जीवन में बदलने में अभी एक अरब साल और लगेंगे।’ फास्ट रेडियो बर्स्ट को FRB भी कहा जाता है। ये दूरस्थ गैलेक्सीज में से निकले रेडियो इमिशंस होते हैं। ऑस्ट्रेलिया की पार्किस टेलीस्कोप से सबसे पहले नवंबर 2012 में इन्हें महसूस किया गया, लेकिन तब खोजी वैज्ञानिकों को यह नहीं मालूम था कि बर्स्ट किस जगह से हुआ है।
बयान के अनुसार पिछले साल ही पहली बार FRB की लोकेशन का पता चला। बस, तभी से पूरी दुनिया के वैज्ञानिक अपने-अपने यहां लगे टेलीस्कोप्स को ड्वार्फ नाम की गैलेक्सी पर केंद्रित कर FRB का पता लगाने में जुटे हैं। डॉ. विशाल गज्जर ने 26 अगस्त को 4 से 8 गीगाहर्त्ज फ्रीक्वेसी बैंड पर पांच घंटे में 15 बार FRB को महसूस किया। इसके बाद दर्ज हुए 400 टीबी डेटा का एनालिसिस करने पर इस बात का पता चलेगा कि ये FRB ऐसी किस चीज से निकली हुई तरंगें हैं और इतनी ज्यादा फ्रीक्वेंसी में इन तरंगों के निकलने का क्या मतलब है।
अलबत्ता ब्रेकथ्रू लिसन प्रोजेक्ट का दावा है कि कहीं न कहीं ये FRB सुदूर अंतरिक्ष में मौजूद ड्वार्फ गैलेक्सी में एलियंस की मौजूदगी है और वहां से आ रहे FRB इसकी पहचान है। अब वैज्ञानिक इस गैलेक्सी और वहां से मिल रहीं रहस्यमय तरंगों का राज पता करने में जुटे हैं, ताकि विज्ञान को और बेहतर और उन्नत किया जा सके।
Created On :   31 Aug 2017 9:00 PM IST