मिशन 2019:सत्ता जाने के बाद दिग्गजों का ट्रांसफर, दिल्ली जाएंगे रमन-शिवराज !
- कुर्सी जाने के बाद लोकसभा चुनाव लड़ सकते शिवराज-रमन !
- दिल्ली आएंगे शिवराज सिंह और रमन सिंह
- नई लीडर शिप को मौका देने के लिए शिवराज-रमन को दिल्ली बुलावा !
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में सत्ता जाने के बाद विपक्ष का नेता बनाने की बजाय पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह दिल्ली जा सकते हैं। संगठन दोनों नेताओं को विपक्ष के बड़े नेता की जिम्मेदारी देने की बजाय मिशन 2019 के लिए दिल्ली बुलाना चाहती है। 15-15 साल तक दोनों राज्यों में सरकार चलाने वाले दोनों नेताओं को संगठन केन्द्र में जगह देने पर विचार कर रहा है। पार्टी अब चाहती है कि नई लीडरशिप सामने आए ताकि जब अगले विधानसभा चुनाव हों तो पार्टी नए सेनापतियों के साथ मैदान में उतरे। जबकि बीजेपी शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ाने का प्लान बना रही है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष का चयन करने के लिए केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और विनय सहस्त्रबुद्धे को जिम्मेदारी दी गई है। विपक्ष के नेता पद के लिए विधायकों में से किसी एक को चुन लिया जाएगाऔर शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। हालांकि विपक्ष के नेता की भूमिका निभाने के लिए खुद शिवराज सिंह ने केन्द्रीय नेतृत्व के लोगों से बात की थी। कुछ दिन पहले उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि मैं केन्द्र नहीं जाऊंगा और मध्य प्रदेश में रहकर ही राजनीति करूंगा। हालांकि उन्होंने बाद में इस बात से साफ इंकार कर दिया है कि वे नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो 6 जनवरी को बीजेपी विधायकों की मौजूदगी में विपक्ष के नेता का चुनाव होगा। इस पद के लिए बीजेपी के आधा दर्जन विधायक दौड़ में हैं। इनमें राजेन्द्र शुक्ल, भूपेंद्र सिंह, कमल पटेल और नरोत्तम मिश्रा के नाम शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष की बात की जाए तो यहां स्थिति बिल्कुल साफ नजर आ रही है। दिल्ली से शुक्रवार सुबह पहुंचे सुपरवाइजर की मौजूदगी में धरमलाल कौशिक को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। कौशिक को डॉ. रमन सिंह ग्रुप का ही नेता माना जाता है। इस वजह से पार्टी में विरोधी गुट खुलकर नाराजगी जता रहा है। अब रमन सिंह को राज्य की राजनीति से निकालकर केंद्र में लाया जाएगा। ऐसे में यह लगभग तय है कि उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ाया जाए। इससे पार्टी को लोकसभा चुनाव के वक्त छत्तीसगढ़ की अन्य सीटों पर भी फायदा मिलेगा और अगर बीजेपी सत्ता में लौटती है तो उन्हें मंत्री पद दिया जा सकता है।
Created On :   5 Jan 2019 12:09 PM IST