अमित शाह की सभाओं में लगते हैं जय श्रीराम और मोदी मोदी के नारे

Shows slogans of Jai Shri Ram and Modi Modi in Amit Shahs meetings
अमित शाह की सभाओं में लगते हैं जय श्रीराम और मोदी मोदी के नारे
अमित शाह की सभाओं में लगते हैं जय श्रीराम और मोदी मोदी के नारे
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली के चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। शाह उन विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस कर रहे हैं जो अभी तक अनिधिकृत कॉलोनियों की सूची में आते थे और अब केंद्र सरकार के प्रयासों से ये कॉलोनियां अधिकृत हुई हैं।

भाजपा का फोकस छोटी और नुक्कड़ सभाओं पर है, जहां जनता से सीधा संवाद हो सके। दिल्ली के मिजाज को ध्यान में रखते हुए अक्सर सभाएं शाम में लगाई जाती हैं। अमित शाह इन दिनों हर दिन दो से तीन नुक्कड़ सभाओं में शिरकत कर रहे हैं। हर दिन शाम में उनका काफिला निकलता है सभा स्थल की ओर।

कोई बड़ा तामझाम नहीं, न कोई बड़ा लाव-लश्कर। हां, इतना जरूर होता है कि सुरक्षा में लगे दिल्ली पुलिस के जवान चौकन्ना रहते हैं कि कहीं कोई चूक न हो जाए। लिहाजा, पुलिस की पैनी निगाह रहती है।

सभा का समय वही होता है, जब बाजार में भीड़-भाड़ हो, लोग घरों से निकलकर बाजारों में हों। अमूनन अमित शाह की सभा के लिए स्थान का चयन भी ऐसा होता है, जहां आसपास रिहाइश हो, लोग आराम से सभा में पहुंच सकें।

शनिवार को भी अमित शाह की नुक्कड़ सभा के लिए समय और स्थान का चयन ऐसे ही किया गया था। स्थान था, पूर्व दिल्ली की भलस्वा डेयरी, जिसको 20 साल पहले दिल्ली सरकार ने डेयरी उद्योग के लिए बसाया था।

डेयरी के पास ही दुकान चला रहे ऋषि कहते हैं, इस पूरे इलाके में मिश्रित जनसंख्या है। हवा किस पार्टी की है, अभी कहना मुश्किल है। मैंने भी अभी अपना मन नहीं बनाया है। इतना जरूर है कि हवा जिस ओर बहेगी, उधर ही वोट करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या अमित शाह की सभाओं से भाजपा के पक्ष में माहौल बन सकता है? उनका कहना था कि नेताओं की सभा से बहुत फर्क पड़ता है।

संजय यादव का इस इलाके में डेयरी का व्यवसाय है। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में सड़कों और आधुनिक सुविधाओं का आभाव है। इस पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार है, यहां आप के ही विद्यायक हैं, फिर भी यह इलाका जरूरी सुविधाओं से महरूम है।

सभा में अमित शाह का बेसब्री से प्रतीक्षा करतीं गृहणी पुष्पा कहती हैं, हम भाजपा नेता को सुनेंगे। केजरीवाल ने बहुत कुछ किया है, लेकिन अभी मैंने अपना मन नहीं बनाया है। देखते हैं, आगे क्या होता है।

सभा में लगभग 3 से 4 हजार की भीड़ रही होगी। भीड़ को जमाने के लिए स्थानीय नेताओं के साथ-साथ गीत संगीत का भी सहारा लिया जाता है। अमित शाह मौजूद लोगों का मन पढ़ते हैं और जनता के साथ सीधा संवाद कायम करने की कोशिश करते हैं। 20 मिनट के भाषण में बीच-बीच में जय श्रीराम और मोदी मोदी के नारे लगते रहते हैं। जब जब जय श्रीराम का नारा लगाया जाता है, खुद अमित शाह भी जय श्रीराम बोलते हैं।

इस तरह अमित शाह के चुनाव प्रचार का एक पड़ाव खत्म होता है तो वे निकल पड़ते हैं दूसरे पड़ाव की ओर।

Created On :   25 Jan 2020 10:00 PM IST

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