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दैनिक भास्कर हिंदी: हम नेताओं को आशीर्वाद देते हैं, वोटरों को प्रभावित नहीं करते : लिंगायत मठ

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सत्ताधारी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य सभी पार्टियों ने प्रचार-प्रसार पर अपना पूरा जोर लगा दिया है। इसी बीच कर्नाटक चुनाव में अपना एक बड़ा महत्व रखने वाले लिंगायत समुदाय के सिद्धगंगा मठ से आए एक बयान ने सभी पार्टियों को तगड़ा झटका दिया है। सिद्धगंगा मठ के सिद्धलिंग स्वामी ने कहा है, 'हम सिर्फ राजनेताओं को आशीर्वाद मात्र देते हैं, वोटरों का प्रभावित नहीं करते।' सिद्धगंगा मठ से इस तरह का बयान आने के बाद से लिंगायत समुदाय को रिझाने में जुटी राजनीतिक पार्टियों को बड़ा झटका माना जा रहा है।
सिद्धगंगा मठ, टुमकुरू के श्रीश्रीश्री शिवकुमार स्वामीजी
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में 225 सीटें हैं, जिसके लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सीएम सिद्धारमैया ने तो लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यकों का दर्जा देने तक की मांग भी कर दी थी, जिससे केंद्र सरकार ने पल्ला झाड़ते हुए मना कर दिया था। राज्य में लिंगायत समुदाय को रिझाने के लिए कुछ समय पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सिद्धगंगा मठ के स्वामी से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया था। इसके सप्ताहभर बाद ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने 2 दिवसीय दौरे के दौरान लिंगायत समुदाय के संत श्री शिवकुमार स्वामी से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया था।
केदारनाथ से लिंगायत समुदाय को रिझाएंगे पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह कर्नाटक में चुनाव अभियान की शुरुआत करने के लिए आने वाले हैं। मगर वे इस दौरे से पहले उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के दौरे पर जाएंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी यहां भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के साथ साथ लिंगायत समुदाय को अपनी ओर रिझाने का भी प्रयत्न करेंगे। पीएम मोदी यहां केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी से भी मुलाकात करेंगे और वीरशैव लिंगायत समुदाय से हैं।
लिंगायत कर्नाटक का सबसे बड़ा समुदाय है। यही कारण है कि केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी पार्टी और पीएम नरेंद्र मोदी इस समुदाय को अपने पाले में करने की जद्दोजहद कर रहे हैं। पिछले सप्ताह विदेश प्रवास पर गए मोदी ने बसव जयंती पर 12वीं सदी के समाज सुधारक और लिंगायत समुदाय के संस्थापक संत बसवेश्वर की लंदन में लगी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की थी। टेम्स नदी के किनारे लगी इस प्रतिमा का अनावरण भी तीन साल पहले मोदी ने ही किया था।
6 दिन में 16 सभाएं करेंगे मोदी
भाजपा के स्टार प्रचारक पीएम नरेंद्र मोदी 29 अप्रैल से राज्य में प्रचार करेंगे। मोदी 8 दिन में अलग-अलग क्षेत्रों में 16 सभाएं करेंगे। पार्टी बेंगलूरु और आसपास के इलाके में मोदी की दो रैलियां कराने की तैयारी कर रही है। पार्टी नेताओं के मुताबिक मोदी की पहली रैली कोलार में होगी और 29 अप्रैल को ही मोदी रायचूर में भी रैली को संबोधित करेंगे।
- इसके बाद 1 मई को मोदी बल्लारी और बेलगावी में रैली को संबोधित करेंगे।
- 3 मई को मोदी चामराजनगर और उडुपी में रैली करेंगे।
- 5 मई को मोदी जमखंडी और बेंगलूरु में रैली को संबोधित करेंगे।
- 6 मई को कलबुर्गी और हुब्बल्ली, 7 मई को शिवमोग्गा और तुमकूरु, 8 को मेंगलूरु और बेंगलूरु को संबोधित कर सकते हैं।
- इसके अलावा 9 मई को भी मोदी 2 रैलियां करेंगे, लेकिन अभी तक पार्टी ने स्थल तय नहीं किए हैं।
अमित शाह की मुलाकात
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी लिंगायत समुदाय को रिझाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। उन्होंने टुमकुरू के सिद्धगंगा मठ में 26 मार्च को लिंगायत समुदाय के संत श्री शिवकुमार स्वामी से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया था। इस दौरान शाह ने ट्वीट में कहा था कि मुझे सिद्धगंगा मठ, टुमकुरू के श्रीश्रीश्री शिवकुमार स्वामीजी से आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। इस उम्र में भी उनका अथक कार्य प्रेरणादायी है। उनका जीवन एक जीता-जागता सबक है और हम सबके लिए मार्गदर्शक है।
Congress President Rahul Gandhi visited Siddaganga Mutt & met Shivakumara Swami. #Karnataka pic.twitter.com/UuamHEvMEl
— ANI (@ANI) April 4, 2018
राहुल गांधी की मुलाकात
अमित शाह के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने कर्नाटक दौरे के दौरान सिद्धगंगा मठ पहुंचे थे। यहां उन्होंने 111 साल के शिवकुमार स्वामी से मुलाकात कर आशीर्वाद भी लिया था। इस दौरान राहुल गांधी ने स्वामी को 111 गुलाबों के फूलों का गुलदस्ता भेंट किया था। इस दौरान राहुल गांधी के साथ कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष जी. परमेस्वर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे भी थे। 4 अप्रैल को कर्नाटक दौरे पर गए राहुल गांधी ने कहा था कि डॉ. शिवकुमार स्वामी से आशीर्वाद पाने के बाद वे बहुत खुश हैं।
भागवत के बयान से भी गरमाई थी राजनीति
कुछ ही समय पहले लिंगायत मामले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने पहली बार कोई बयान दिया था। इस बयान के बाद से राजनीति का काफी गरमा गई थी। लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने पर भागवत ने कहा था कि एक ही धर्म के लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है, जो लोग इसके पीछे जिम्मेदार हैं वो राक्षसी प्रवृत्ति के तहत बांटों और राज करो की नीति अपना रहे हैं। उन्होंने यह बात नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कही थी।
कितना प्रभावशाली है लिंगायत समुदाय
कर्नाटक में ये समुदाय संख्या बल के हिसाब से काफी बड़ा और मजबूत है। यही कारण है कि यह राज्य में राजनीतिक रूप से भी काफी प्रभावशाली है। राज्य में लिंगायत/ वीरशैव समुदाय की कुल आबादी में 17 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने का अनुमान है। लिंगायत समुदाय ने 1980 के दशक में रामकृष्ण हेगड़े पर भरोसा किया था। इसके बाद 1989 में कांग्रेस नेता वीरेंद्र पाटिल को समर्थन देते हुए सीएम बनाया था। लिंगायतों ने बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा को भी अपना नेता चुना था। मगर अब लिंगायत समुदाय किस ओर अपना झुकाव बनाएगा, यह कहना काफी मुश्किल नजर आ रहा है।
12 मई को होगा मतदान, 15 को आएगा रिजल्ट
गौरतलब है कि कर्नाटक में 12 मई को एक चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसके लिए 17 अप्रैल को नामांकन हो चुका है। इस बार किसकी सरकार बनेगी इसका पता 15 मई को चलेगा, मतलब इस दिन रिजल्ट घोषित हो जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि चुनाव VVPAT मशीन से कराये जाएंगे और पूरे कर्नाटक में 56 हजार पोलिंग बूथ बनाये जाएंगे। आपको बता दें कर्नाटक विधानसभा में 225 सीटें हैं।
AISECT: सेक्ट कॉलेज बी.एड. उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन बी.एड. के नियमित सत्र 2022-24 के विद्यार्थियों के लिए स्वागत सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन से हुई। इसके पश्चात विद्यार्थियों को कॉलेज के नियमों की जानकारी दी गई और पिछली उपलब्धियों को विद्याथियों के समक्ष बतलाया गया। साथ ही स्कोप परिसर में होने वाले दूसरे पाठ्यक्रमों की जानकारी भी दी।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. नीलम सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी भविष्य में शिक्षक बनने वाले हैं और एक शिक्षक को समय की पाबंदी और अनुशासन का हमेशा ध्यान रखना चाहिए और अपनी आंतरिक क्षमताओं का विकास करते हुए सार्थक जीवन की ओर अग्रसर होना चाहिए। इस अवसर पर बारी-बारी से सभी विद्याथियो ने आपना परिचय दिया और अपनी शैक्षिणक योग्यता और रूचियों के बारे में बतलाया। विद्याथियों को बी.एड. पाठ्क्रम के बारे मेचारों सेमेस्टरों में होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी गई।
सभी शिक्षकों ने विद्याथियों के समक्ष अपने-अपने विषय के पाठ्क्रम से अवगत कराया और सम्पूर्ण कोर्स की विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। कुछ विद्याथियों द्वारा मधुर गीतों की प्रस्तुति दी गई। अंत मे सभी विद्याथियों को पाठ्क्रम और वार्षिक योजना की प्रति उपलब्ध कराई गई।
क्लोजिंग बेल: : गिरावट के साथ बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स 111 अंक लुढ़का, निफ्टी भी टूटा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के पांचवे और आखिरी दिन (01 जुलाई 2022, शुक्रवार) गिरावट के साथ बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 111.01 अंक यानी कि 0.21% की गिरावट के साथ 52,907.93 के स्तर पर बंद हुआ।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 28.20 अंक यानी कि 0.18% की गिरावट के साथ 15,752.05 के स्तर पर बंद हुआ।
जबकि बैंक निफ्टी में तेजी रही एवं उसने 114 अंकों की बढ़त के साथ 33539.45 पर सत्र की समाप्ति दी। निफ्टी के 50 शेयरों में से 36 में तेजी रही जो व्यापक खरीदारी दर्शाते हैं।क्षेत्र विशेष में रियलिटी तथा एफएमसीजी सूचकांक 1.5 प्रतिशत से 2.80 प्रतिशत बढ़े जबकि आयलएंडगैस सूचकांक ओएनजीसी तथा रिलायंस में बड़ी गिरावट के कारण 3 प्रतिशत गिरा। निफ्टी के शेयरों में आईटीसी, बजाज फाइनेंस,बजाज फिन सर्व, ब्रिटानिया में सर्वाधिक लाभ रहा जबकि ओएनजीसी, रिलायंस, बजाज ऑटो, पावर ग्रिड में सबसे अधिक हानि रही।
तकनीकी आधार पर दैनिक चार्ट पर निफ्टी ने हैमर सदृश कैंडल बनाया है जो आगामी सत्र में तेजी की चाल का संकेत है। साप्ताहिक चार्ट पर निफ्टी ने बुलिश हरामी कैंडल स्टिक प्रारूप की पुष्टि की है जो आनेवाले सत्र के लिए तेजी का संकेत है। निफ्टी ने 100 एचएमए पर सपोर्ट लिया है तथा इस स्तर के ऊपर बंदी दी है जो अगले सत्र के लिए एक शक्ति का परिदृश्य दर्शा रहा है। मोमेन्टम संकेतक दैनिक चार्ट पर स्टॉकिस्टिक एवं एमएसीडी सकारात्मक क्रॉसओवर के साथ ट्रेड कर रहे हैं, ये भी निफ्टी में बढ़त आने का संकेत है।
निफ्टी 15500 पर सपोर्ट ले सकता है, तेजी में 15900 तात्कालिक अवरोध है। 15900 के ऊपर जाने पर तेजी की चाल गति पकड़ सकती है। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 32600 तथा अवरोध 34000 है। कुलमिला कर निफ्टी 15500 के सपोर्ट के साथ शक्तिशाली लग रहा है।आज के सत्र में निफ्टी तथा निफ्टी शेयरों ने वैश्विक, विशेषकर अमेरिकी शेयर बाजार में दुर्बलता के बाद भी अच्छी शक्ति दिखाई। यदि भारतीय बाजार वर्तमान स्तरों की रक्षा करने में सफल रहते हैं, टिक पाते हैं तो फिर एक तीव्र तेजी की चाल आ सकती है तथा बुरा समय कुछ समय विशेष के लिए समाप्त भी हो सकता है।
पलक कोठारी
रीसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग
Source: Choice India
मूवर्स और पैकर्स: कैसे एश्योरशिफ्ट ने भारत में स्थानांतरण के अनुभव को बेहतर बनाया है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में बढ़ती जनसंख्या, शैक्षिक प्रगति और मूल तोर से नौकरी के अवसर के कारण, देश के अंदर और विदेश के कई शहरों में, प्रवास करने वाले अन्य शहरों के लोगों की संख्या उल्लेखनीय मत्रा से वृद्धि पाई है।
इस कारण से स्थानांतरण सेवा के मांग में तेजी से वृद्धि हुई। कई पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों की स्थापना भी हुई है जो घर, कार्यालयों के सामना, कार, बाइक, आदि को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं। हालांकि, किसी भी नए उत्पाद के साथ, कई नकली और गैर-पेशेवर चलती कंपनि स्थापित होते हैं। धीरे-धीरे भारतीय स्थानांतरण बाजार में इस तरह के कंपनि आकर बेहद कम लागत वाली कोटेशन की पेशकश करके निर्दोष ग्राहकों का शिकार करना शुरू कर दिया। वे गुणवत्ता सेवाओं, अतिरिक्त सहायता आदि जैसे कई वादे करते हैं, लेकिन अंत में अक्सर ग्राहकों के पैसे और सामान लूट लेते हैं।
स्व-चलन के साथ आने वाली कठिनाइयों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, पेशेवर स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को नियुक्त करने की सलाह दी जाती है लेकिन कंपनी के इतिहास और पृष्ठभूमि की जांच कर लेने के बाद। आपको एक पैकर्स मूवर्स कंपनी के पंजीकरण दस्तावेजों और पहले के ग्राहकों की कई समीक्षाएं पढ़ कर, उनका व्यापक शोध करना चाहिेए। लेकिन सामान्य ज्ञान के अनुसार, दस्तावेज़ीकरण, कंपनी विवरण, कार्यालय स्थान आदि की पुष्टि करना आसान काम नहीं है और पहली बार जांच करने वाले के लिए अत्यधिक समय लग सकता है।
प्रत्येक ग्राहक पहली कोशिश में अपने निकट के ईमानदार पैकर्स एंड मूवर्स कंपनी से संपर्क कर रहा है और बाजार में धोखाधड़ी सेवा प्रदाताओं का खात्मा हो रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए एश्योरशिफ्ट की स्थापना की गई थी।
AssureShift Packers and Movers एक मानक बन गया है यह भारत का सबसे अच्छी ऑनलाइन पैकर्स और मूवर्स निर्देशिका है, जिसमें 25 से अधिक शहरों के शीर्ष पैकर्स और मूवर्स की सूची है। 2017 की शुरुआत में लॉन्च होने के बाद से, एश्योरशिफ्ट ने देश भर में 50,000 से अधिक परिवारों और व्यक्तियों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। हमारे पार्टनर पैकर्स और मूवर्स के पास पर्याप्त अनुभव है और वे घरेलू सामान पैकिंग और मूविंग, कार ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज, बाइक शिफ्टिंग सर्विसेज, ऑफिस शिफ्टिंग आदि जैसे सभी प्रकार के सामानों को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। हम सुनिश्चित करते हैं इस दौरान हमारी पार्टनर कंपनियां उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं, किफायती शुल्क, समय पर घर से पिकअप और डिलीवरी, पेशेवर व्यवहार जैसे पूर्ण ग्राहक सहायता का आश्वासन दे रही हैं।
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एश्योरशिफ्ट का 4-चरणीय तरीका एक सुनिश्चित स्थानांतरण के लिए
#1 पूर्ण तरह से बैकग्राउंड की जांच
एक पैकर्स और मूवर्स कंपनी की विश्वसनीयता साबित करने वाले मुख्य कागज-पत्र में से एक यह है कि उनके पास सरकार द्वारा दिए गए आवश्यक पंजीकरण दस्तावेज होना चाहिए। एश्योरशिफ्ट निम्न प्रकार से जाँच करके स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं की पूरी गहराई से पृष्ठभूमि का सत्यापन करता है:
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- ओनर आईडी प्रूफ,
- संपर्क विवरण,
- ग्राहक प्रतिक्रिया के साथ पूर्व कार्य अनुभव,
- Google रेटिंग और समीक्षाएं।
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#2 बजट के अनुकूल दरों पर सर्वोत्तम मिलान वाली सेवाएं
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युक्ति: भारत में सबसे सटीक पैकर्स और मूवर्स शुल्क प्राप्त करने के लिए (किसी भी आइटम को देश में किसी भी स्थान पर ले जाने के लिए), हमेशा एक भौतिक प्री-मूव सर्वेक्षण अनुरोध करें। जब मूवर्स व्यक्तिगत रूप से वस्तुओं का सर्वेक्षण करते हैं, तो उन्हें सटीक आवश्यकताओं का बेहतर विचार मिलता है और वे स्थानांतरण लागत की अधिक सटीक गणना करने में सक्षम होते हैं।
#3 लाइटनिंग-फास्ट रिस्पांस और एंड-टू-एंड सपोर्ट
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों के किसी भी प्रश्न का तुरंत जवाब देकर आपके हर कदम को परेशान मुक्त बनाने के लिए निरंतर काम करता है।
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साथ ही, एश्योरशिफ्ट सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान आवश्यक समर्थन मिले, यानी अनुरोध जमा करने के समय से लेकर सामान की अंतिम डोरस्टेप डिलीवरी तक।
# 4 नियमित प्रतिक्रिया और गुणवत्ता संरक्षण
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों की पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। ग्राहकों से नियमित फीडबैक लेने से संभावित ग्राहकों को अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है और साथ ही साथ हर दिन काम करने की प्रक्रिया में सुधार होता है। एश्योरशिफ्ट को ग्राहकों द्वारा सामना की स्थानांतरण के समय आने वाली विभिन्न समस्याओं जैसे कि अचानक मूल्य वृद्धि, सामान का नुकसान, स्थानांतरण के दौरान मूवर्स के अनैतिक व्यवहार पता चलता रहता है।
प्राप्त शिकायतों की गंभीरता के आधार पर, एश्योरशिफ्ट सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है, :जैसे
- गैर-पेशेवर मूवर्स और पैकर्स को अस्थायी रूप से निलंबित या वेबसाइट से उनके व्यावसायिक प्रोफाइल को स्थायी रूप से हटाकर दंडित करना, साथ ही साथ
- लिस्टिंग में उच्च रैंक मैं रख के शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करना ।
निष्कर्ष के तौर पर
एश्योरशिफ्ट समझती है कि कई सारे सामान ले जाना जोखिम भरा हो सकता है और वित्तीय, मानसिक और शारीरिक दबाव पैदा कर सकता है, खासकर बिना किसी पूर्व अनुभव से किया गया हो तो। इसके अलावा, बहुत से ग्राहक वास्तव में भरोसेमंद स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को किराए पर लेने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं। और तो और क्योंकि वर्तमान समय में कई धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां भी बाजार में स्थापित हैं।
धोखेबाज पैकर्स और मूवर्स को खत्म करने के मिशन के साथ, एश्योरशिफ्ट ने स्थानांतरण कंपनियों के काम काज़ की प्रक्रिया में सुधार लाई हे, और इसके परिणामस्वरूप, भारत में पैकिंग और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है। एश्योरशिफ्ट के माध्यम से जाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि भरोसेमंद पैकर्स और मूवर्स ढूंढना आसान हो जाता है, और बजट के अनुसार सही कंपनी मिनटों के अंदर मिल जाता है।
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