सैनिकों को शत्रुओं के साथ ही नहीं बल्कि प्रकृति से भी लड़ना पड़ता है - राष्ट्रपति

Soldiers have to fight not only with enemies but also in nature - President
सैनिकों को शत्रुओं के साथ ही नहीं बल्कि प्रकृति से भी लड़ना पड़ता है - राष्ट्रपति
सैनिकों को शत्रुओं के साथ ही नहीं बल्कि प्रकृति से भी लड़ना पड़ता है - राष्ट्रपति

डिजिटल डेस्क, पुणे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि सैनिक महज शत्रुओं से ही नहीं लड़ते, बल्कि उन्हें सियाचीन, लद्दाख जैसी जगहों पर प्रकृति से भी लड़ना पड़ता है। संकट को मात देकर देश की रक्षा करने वाले सैनिकों पर सभी को अभिमान है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की 134 वीं टुकड़ी का दीक्षांत संचलन समारोह संपन्न हुआ। इस मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सैनिक पूरे देश के लिए अभिमान की बात हैं। उन्हें हर एक जगह सम्मान मिलता है। देश की सीमाओं की रक्षा करने के साथ प्राकृतिक आपदाओं में भी उनका कार्य अद्वितीय होता है। वे महज शत्रुओं से नहीं लड़ते, उन्हें कई जगहों पर प्रकृति से भी लड़ना पड़ता है। सभी आपदाओं का सामना कर वे देश की रक्षा करते हैं।

देश नाम रोशन करने के लिए तैयार रहें
राष्ट्रपति ने कहा कि कठोर मेहनत का फल सबको मिला है। कठिन प्रशिक्षण ही हमें कठिन से कठिन संकट का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। अनुशासन, साहस और लगन का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेना सर्वोत्कृष्ठता और समर्पण का प्रतिक है। आनेवाले चुनौती के समय में सकारात्मक दृष्टिकोन ही मार्गदर्शक साबित होगा। देश का नाम रोशन करने के लिए सदैव तैयार रहें।

बिहार के अक्षत राज को गोल्ड मेडल
समारोह में 134 वीं टुकड़ी के बटालियन कैडेट कैप्टन अक्षत राज को गोल्ड मेडल (प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल),  एकॅडमी कैडेट कैप्टन मोहम्मद सोहेल अस्लम को सिल्वर मेडल (प्रेसिडेंट सिल्वर मेडल), तथा स्क्वाड्रन कैडेट कैप्टन अली अहमद चौधरी को ब्रॉन्ज मेडल (प्रेसिडेंट ब्रॉन्ज मेडल) से सम्मानित किया गया।

अक्षत राज मूल रूप से बिहार का निवासी है। वहीं मोहम्मद सोहेल अस्लम पश्चिम बंगाल और अली अहमद चौधरी आसम का निवासी है। समारोह में छात्रों ने अनुशासनबध्द तरीके से दीक्षांत संचलन किया। चेतक हेलिकाप्टर ने ध्वज सलामी दी। सुखोई लड़ाकू विमानों ने खास करतब दिखाए।

NDA कमांडेन्ट एअर मार्शल आई. पी. बिपीन, डेप्टी कमांडेन्ट एस. के. ग्रेवाल, प्रिन्सिपल ओमप्रकाश शुक्ला, विभागीय आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसेकर, जिल्हाधिकारी नवल किशोर राम, सेना के वरिष्ठ अधिकारी, सेवानिवृत्त अधिकारी तथा छात्रों के अभिभावक उपस्थित थे।

Created On :   30 May 2018 8:05 PM IST

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