मेडिकल कॉलेजों की समीक्षा के लिए बना स्पेशल टास्क फोर्स

Special Task Force form for review of medical colleges
मेडिकल कॉलेजों की समीक्षा के लिए बना स्पेशल टास्क फोर्स
मेडिकल कॉलेजों की समीक्षा के लिए बना स्पेशल टास्क फोर्स

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकारी मेडिकल कॉलेजों की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की हर महीने समीक्षा करने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को निश्चित समय में पूरा करने के लिए टास्क फोर्स का निर्माण किया गया है। इसके अध्यक्ष प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा सचिव संजय देशमुख होंगे। प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित सर्कुलर जारी किया है।

इसके अनुसार चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय, मुंबई (डीएमईआर) के अधिकार क्षेत्र वाले मेडिकल कॉलेजों की परियोजना का निर्माण कार्य व अन्य प्रशासकीय मंजूरी के लिए हर महीने टास्क फोर्स की बैठक होगी। टास्क फोर्स सुनिश्चित करेगा कि मेडिकल कॉलेजों की विभिन्न परियोजनाओं के लिए सरकार के पास भेजे जाने वाले कागजात और दस्तावेज परिपूर्ण हैं। सरकार की तरफ से प्रशासकीय मंजूर प्रदान किए जाने के बाद स्वीकृत बजट की राशि और वास्तविक रूप में खर्च किए जाने वाली राशि के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी। सरकार की तरफ से आवंटित निधि का उपयोग काम के लिए हुआ है या नहीं।

इसके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए टास्क फोर्स प्रत्यक्ष रूप से निर्माण कार्य स्थल का दौरा करेगी। टास्क फोर्स में सदस्य सचिव के रूप में डीएमईआर के सह निदेशक डॉ. टी पी लहाने को नियुक्त किया गया है। जबकि सदस्य के रूप में टाटा कैन्सर अस्पताल के निदेशक डॉ. कैलाश शर्मा, मिरज के सरकारी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. पलल्वी सापले, नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन, नागपुर मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. कृष्णा कांबले और औरंगाबाद कैंसर अस्पताल के विशेष कार्य अधिकारी को शामिल किया गया है।

बीड़ में आंगनवाड़ी केंद्र बनाने आरसीसी और प्री फेब्रिकेटेड का विकल्प
बीड़ जिले में आंगनवाड़ी केंद्र की इमारत का निर्माण कार्य आरसीसी पद्धति या फिर प्री फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर के माध्यम से कराने का विकल्प होगा। प्रदेश सरकार ने बीड़ जिला परिषद को आंगनवाड़ी केंद्र बनाने के लिए आरसीसी और प्री फेब्रिकेटेड पद्धति का विकल्प दिया है। विधानमंडल में चर्चा के दौरान सदस्यों ने बीड़ में प्री फेब्रिकेटेड आंगनवाड़ी केंद्र बनाने की अनुमति दिए जाने की मांग की थी। इसके मद्देनजर सरकार के महिला व बाल विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है।

इसके अनुसार आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण कार्य के लिए बीड़ जिले की विभिन्न योजनाओं के लिए मंजूर निधि में से 15 जनवरी 2010 शासनादेश के अनुसार आरसीसी पद्धति से किया जा सकता है। इसके अलावा प्री फेब्रिकेटेड तरीके से भी आंगनवाड़ी केंद्र 29 जनवरी 2014 के शासनादेश के अनुसार बनाया जा सकता है। राज्य में गैर आदिवासी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्र बनाने के लिए 6 लाख रुपए और आदिवासी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्र के लिए 6 लाख 60 हजार रुपए की निधि दी जाती है।

Created On :   8 April 2018 6:54 PM IST

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