देशभर में एससी-एसटी एक्ट का विरोध, मप्र में सहस्त्रबुद्धे और 4 मंत्रियों को घेरा
- SC-ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के संसोधित फैसले को पलटने का फैसला मोदी सरकार पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।
- बैठक में मंत्री माया सिंह
- जयभान सिंह पवैया
- रुस्तम सिंह
- नारायण सिंह कुशवाहा और सांसद भागीरथ प्रसाद भी थे।
- इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे और राज्य के 4 कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। SC-ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के संशोधित फैसले को पलटने का फैसला मोदी सरकार पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। गुरुवार को होने वाले प्रदर्शन से पहले ही जगह-जगह भाजपा नेताओं का विरोध शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सामान्य और ओबीसी वर्ग के लोगों ने बैठक कर रहे भाजपा नेताओं को घेर लिया। इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे और राज्य के 4 कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे। बैठक में मंत्री माया सिंह, जयभान सिंह पवैया, रुस्तम सिंह, नारायण सिंह कुशवाहा और सांसद भागीरथ प्रसाद भी मौजूद थे। इसके बाद बैठक स्थल पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी।
10 पॉइंट से समझिए क्यों पूरे देश में हो रहा है विरोध?
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एके गोयल औऱ यूयू ललित की बेंच ने 20 मार्च को एक फैसला सुनाया। फैसले के मुताबिक SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज होने पर कई तरह की सावधानियां बरती जाएंगी।
1. कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि SC-ST एक्ट के तरह कोई भी मामला दर्ज होने पर सात दिन अंदर जांच पूरी करनी होगी।
2. फैसले में अदालत ने कहा कि मामला दर्ज होने के बाद भी तब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, जब तक मामले की जांच न हो गई हो।
3. आरोपी के सरकारी कर्मचारी होने पर उसे गिरफ्तार करने से पहले उसे नियुक्त करने वाले उसे वरिष्ठ अधिकारी की सहमति लेनी होगी।
4. आरोपी के सरकारी कर्मचारी न होने पर एसएसपी की सहमति के बाद ही उसे गिरफ्तार किया जा सकेगा।
5. पहले SC-ST एक्ट के सेक्शन 18 में अग्रिम जमानत पर रोक थी। अदालत ने जमानत पर सहमति देते हुए कहा था कि पहली नजर में या न्यायिक समीक्षा के बाद पहली नजर में मामला गलत लगने पर अग्रिम जमानत ली जा सकेगी।
6. अदालत ने कहा था कि SC-ST कानून का अर्थ ये नहीं कि जाति प्रथा चलती रहे। ऐसा होने पर सभी को साथा लाने के संवैधानिक मूल्यों पर प्रभाव पेड़ेगा।
7. कानून बनाने का मकसद इसका इस्तेमाल किसी को ब्लैकमेल करने या निजील बदले के लिए उपयोग करने का नहीं था। हर मामले में जमानत न देने पर निर्दोष लोगों को बचाने वाला कोई नहीं होगा।
8. अगर किसी के अधिकारों के साथ खिलवाड़ हो रहा हो तो अदालत निष्क्रिय नहीं रह सकती है। नाइंसाफी को रोकने के लिए रणनीति का इस्तेमाल हो।
9. एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक सिर्फ 15-16% मामलों में ही पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल की। 75 प्रतिशत मामलों को या तो खत्म कर दिया गया या अभियुक्त उनमें बरी हो गए।
10. आदेश में इस बात का जिक्र भी किया गया कि संसद में झूठी शिकायतों को लेकर सवाल उठने पर जवाब आया कि झूठे मामले में लोगों के फंसने पर ये कानून की भावना के खिलाफ होगा।
इन दो मामलों ने पकड़ा तूल...
रिटायर्ड कर्नल को फंसाया था झूठे मामले में
नोएडा के सेक्टर 29 में रहने वाले रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान पर उनके पड़ोसी ने SC-ST एक्ट के तहत मारपीट और अपशब्द कहने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर चौहान को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस रिटायर्ड कर्नल को हथकड़ी पहनाकर उनके घर से लाई थी। बाद में सीसीटीवी रिकॉर्डिंग देखने के बाद पता चला कि आपसी विवाद के बाद चौहान को फंसाने के उद्देश्य से पड़ोसी ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया था।
अधिकरियों के खिलाफ की थी झूठी शिकायत
महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर SC-ST कानून के तहत मामला दर्ज कराया था। बाद में पता चला कि उस अधिकारियों ने उसकी गोपनीय रिपोर्ट में उसके खिलाफ टिप्पणी की थी। जांच कर रहे पुलिसकर्मियों ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके अधिकारियों से इजाजत मांगी तो उन्होंने इनकार कर दिया था। बदले में पुलिस ने अधिकारियों के ऊपर ही मामला दर्ज कर लिया था।
????? ?? ?? ????? ?? ????? ????? ??? ?????? ???? ?? ?? ???? ???? ??????, ????????? ?? ???????? ??? ?????? ?? ????? ????? ????? ?? ??? ??? ?? ??????? ??? ????? ????? ?? ????? ??? ?????? ?? ??? ???? ??????? ?? ????? ????? ?????? ?? ????? ??? ???????? ???? ???? ???? ?????????? ?? ???????, ????, ??????, ???? ?? ???????? ??? ???? 144 ???? ?? ?? ??? ???? ?? ????? ?????? ?? ????? ???????? ?? ??? ??, ????? ?????? ?? ????? ?? ???????? ????? ???? ??? ????? ??? ?? ???? ?? SC-ST ????? ?? ???? ?????? ???? ????
Created On :   5 Sept 2018 3:24 PM IST