संविधान बदलने के बयान पर बवाल, राज्य मंत्री आठवले ने जताया कड़ा विरोध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने केन्द्रीय कौशल विकास राज्यमंत्री अनंत हेगडे के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि मोदी सरकार संविधान बदलने के लिए नही बल्कि संविधान मजबूत करने के लिए कार्यरत है। उन्होने कहा कि भले ही वे एनडीए सरकार में है, लेकिन किसी भी पार्टी की सरकार रहे और संविधान बदलने के जरा भी प्रयास करें तो इसका कड़ा विरोध करने के लिए वे सबसे आगे रहेंगे।
संविधान बदलने का बयान गलत
आठवले ने कहा कि राज्यमंत्री हेगडे के संविधान बदलने का बयान गल़त है और इसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए। वे और सरकार हेगडे के बयान से सहमत नही हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में संविधान को धर्मग्रंथ बताते हुए इसे जरा भी छेडछाड़ नही होने देने की बात कही है। इतना ही नही वे यह कई बार कह चुके है कि डॉ बाबासाहेब आंबडेकर द्वारा बनाए संविधान के बदौलत ही प्रधानमंत्री के पद तक पहुंच पाया हूं। लिहाजा हेगडे हो या कोई अन्य संविधान बदलने का बयान देते है, तो उसे किसी भी कीमत पर बदार्श्त नही किया जाना चाहिए।
मंत्री हेगड़े ने कर्नाटक में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि "धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होने का दावा वे लोग करते हैं, जिन्हें अपने मां-बाप के खून का पता नहीं होता है। "केंद्रीय मंत्री हेगड़ ने लोगों को खुद की पहचान धर्मनिरपेक्ष के बजाय धर्म और जाति के आधार पर करने की वकालत भी की। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि इस सोच के साथ संविधान में बदलाव भी किया जा सकता है और इसीलिए हम लोग यहां हैं। उनके इसी बयान से हंगामा खड़ा हो गया है। जिसका विरोध करते हुए AIMIM ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के नेता गुरुशांत पट्टेदार ने भी एक विवादित ऐलान दिया था। उन्होंने हेगड़े की जुबान काटकर लाने वाले को 1 करोड़ रुपए इनाम में देने का ऐलान किया कर दिया।
Created On :   27 Dec 2017 4:38 PM GMT