यूपी: गोरखपुर के इस मंदिर कैंपस में लगा बोर्ड, यहां न रुकें प्रेमी जोड़े, बवाल
डिजिटल डेस्क, गोरखपुर। शहर के कुसम्ही जंगल के बीच स्थित बुढ़िया माता का मंदिर है, यहां के महंत ने एक फरमान जारी किया है। प्रेमी जोड़े मंदिर परिसर में आकर न बैठें, इसके लिए बाकायदा मंदिर के महंत ने एक बोर्ड लगवा दिया है। बोर्ड पर लिखा है, "प्रेमी प्रेमिकाओं का यहां रुकना मना है। पूजा करें और चले जाएं। आज्ञा से महंत जी।" इस पर महंत का कहना है कि मंदिर के शांत माहौल में आकर बैठने वाले प्रेमी जोड़ों की वजह से माहौल खराब हो रहा है।
गोरखपुर के बुढ़िया माता का मंदिर महंत के इस फरमान के चलते चर्चा में आ गया है। महंत के निर्देशानुसार मंदिर में प्रेमी जोड़ों को न रुकने की सलाह दी गई है। कई लोगों ने बोर्ड पर लिखे आदेश को सही बताया है जबकि कुछ ने असहमति दर्ज कराई है।
इस बोर्ड को लेकर कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए थे। आपत्ति दर्ज करते हुए कुछ लोगों ने कहा कि मंदिर प्रशासन निर्धारित नहीं कर सकता कि कौन कितनी देर मंदिर में रुकेगा या नहीं। वहीं मंदिर प्रशासन का कहना है कि पूजा करने आने वाले कई परिवारों ने सुनसान जगहों पर प्रेमी-प्रेमिकाओं के बैठने को लेकर आपत्ति जताई थी।
गौरतलब है कि, गोरखपुर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र रहा है और वह खुद भी महंत रहे हैं। उनकी सरकार आने के बाद बनाए गए ऐंटी रोमियो स्क्वाड पर भी प्रेमी जोड़ों को परेशान करने से जुड़े आरोप लगे थे। जिसपर सीएम ने प्रेमी जोड़ों को बेवजह परेशान न करने की हिदायत दी थी। अब इससे जुड़ा यह मामला सामने आ रहा है।
मंदिर को लेकर ये है मान्यताएं
जंगल में बुढ़िया माता के बारे में कई किंवदंतियां प्रचलित हैं। मान्यता है कि मां अपने भक्तों की तमाम मनोकामनाएं पूरी करतीं और हर संकट से उन्हें बचाती हैं। सच्चे भक्तों को अलग-अलग रूपों में मां दर्शन देतीं हैं और उन्हें सही रास्ता भी दिखाती हैं। सफेद बाल, सफेद साड़ी और हाथ में छड़ी लिए मां का स्वरूप निराला है। जंगल में मां के दो मंदिर हैं। प्राचीन मंदिर तक जाने के लिए पोखरे को नाव से पार करना पड़ता है।
बहुत से परिवार यहां अपने बच्चों के मुंडन, जनेऊ संस्कार के लिए भी आते हैं। मंदिर में विवाह और परिवार के अन्य संस्कारों को सम्पन्न कराना काफी शुभ माना जाता है।
Created On :   19 March 2018 6:31 PM IST