स्वामी की बीजेपी नेताओं को नसीहत, कहा- 'कोट-पैंट नहीं, देसी कपड़े पहनें'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीजेपी के सीनियल लीडर और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर से अपनी ही सरकार को घेरा है। हाल ही में स्वामी ने जीडीपी आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था और अब बीजेपी नेताओं के पहनावे को लेकर हमला किया है। इस बार स्वामी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बीजेपी नेताओं को नसीहत देते हुए विदेशी कपड़ों की बजाय देसी कपड़े पहनने को कहा है। सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया है कि कोट-पैंट नहीं पहनें, क्योंकि ये गुलामी का प्रतीक है।
और क्या कहा स्वामी ने?
इसके आगे सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि "वेस्टर्न ड्रेस गुलामी का प्रतीक है, इसलिए बीजेपी को एक डिसीप्लीन बनाना चाहिए, ताकि पार्टी नेता सिर्फ देसी कपड़े ही पहनें।" इतना ही नहीं, स्वामी ने बीजेपी नेताओं से शराब छोड़ने की बात भी कहा है। उन्होंने लिखा है कि "संविधान की धारा-49 शराब पर बैन की बात कहती है। हालांकि, मैं इसके पेनल एक्शन (दंडात्मक कार्रवाई) के खिलाफ हूं। बीजेपी को इसे भी पार्टी डिसिप्लीन में शामिल करना चाहिए।" बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है, जब स्वामी ने बीजेपी नेताओं को कपड़ों को लेकर नसीहत दी है। इससे पहले भी स्वामी ने एक बार कहा था कि जब कोई नेता विदेशी दौरे पर हो, तो उसे देसी कपड़े ही पहनने चाहिए।
Western dress is a foreign imposed slavishness. BJP should make it of party discipline for Ministers to wear Indian climate friendly clothes
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 26, 2017
Article 49 of Const directs alcohol drinks be banned. While I am not for penal action, BJP should make as part of party discipline.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 26, 2017
हाल ही में मोदी सरकार पर किया है हमला
इससे पहले शनिवार को ही सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा था कि सरकार ने CSO पर दवाब डालकर जीडीपी के बेहतर आंकड़े पेश करने को कहा था। स्वामी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि "सेंट्रल स्टैटिस्टिक ऑर्गनाइजेशन (CSO) पर सरकार ने बेहतर आंकड़े पेश करने का दवाब बनाया था।" स्वामी ने कहा कि सरकार ने CSO पर अच्छे आंकड़े दिखाने का दवाब डाला, ताकि ये दिखे कि नोटबंदी का इकोनॉमी और जीडीपी पर कोई गलत असर नहीं पड़ा है। स्वामी ने इस सभी आंकड़ों को पूरी तरह से फर्जी बताया है।
नोटबंदी की रिपोर्ट जनवरी 2017 में कैसे?
इसके आगे स्वामी ने कहा था कि "मैं घबराहट महसूस कर रहा हूं, क्योंकि मैं जानता था कि असर तो हुआ है। इसलिए मैंने CSO के डायरेक्टर से पूछा कि आपने ये आंकड़े कैसे जारी किए, जबकि नोटबंदी तो नवंबर (2016) में हुई थी और आपने इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट फरवरी 2017 में पेश कर दी। इसका मतलब ये रिपोर्ट छपने के लिए कम से कम तीन हफ्ते पहले तो गई होगी। तो आपने जनवरी 2017 में रिपोर्ट पेश की और बता दिया कि नोटबंदी का कोई असर नहीं हुआ। आपने ये कैसे केलकुलेट किया?" खबरों के मुताबिक, स्वामी ने आगे बताया कि इस मामले में CSO डायरेक्टर ने उनसे कहा कि वो और क्या कर सकते हैं? वो दवाब में थे। उनसे आंकड़े मांगे गए और उन्होंने दे दिए। राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ऐसे में इन तिमाही आंकड़ों पर भरोसा न करें। इसके अलावा स्वामी ने रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि "इन मूडीज और फिच की रिपोर्ट पर यकीन मत करिए। इन एजेंसियों को भी पैसे देकर किसी भी तरह की रिपोर्ट पब्लिश करवा सकते हैं।"
Created On :   26 Dec 2017 3:52 PM IST