सुनंदा पुष्कर की हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने खारिज की सुब्रमण्यम स्वामी  की याचिका

Subramanian Swamys PIL rejected by HC in Sunanda Pushkar murder case
सुनंदा पुष्कर की हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने खारिज की सुब्रमण्यम स्वामी  की याचिका
सुनंदा पुष्कर की हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने खारिज की सुब्रमण्यम स्वामी  की याचिका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में SIT जांच के लिए लगाई गई याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। ये याचिका बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने लगाई थी। कोर्ट ने इस याचिका ये कहते हुए खारिज कर दिया कि "जनहित याचिका नहीं हैं, बल्कि एक पॉलिटिकल याचिका है।" कोर्ट ने इस केस पर सुब्रमण्यम स्वामी को फटकार लगात हुए कहा कि "ये काफी डिस्टर्बिंग है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्विटर हैंडल से याचिका की कॉपी पोस्ट कर दी, जबकि उस पर हाईकोर्ट में पहले सुनवाई भी नहीं हुई थी और ये भी तय नहीं था कि कोर्ट उस पर सुनवाई करेगा या नहीं।" कोर्ट ने उन्हें समझाइश देते हुए कहा कि उम्मीद करते हैं इसक याचिका से जुड़ा हर व्यक्ति आगे से इस बात का ध्यान रखेगा। गौरतलब है कि सुनंदा कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी थीं। साल 2014 में दिल्ली एक नामी होटल के कमरे में उनकी लाश मिली थी।  

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सुनंदा के बेटे ने दायर की थी अर्जी 

सुनंदा हत्या मामले में उनके बेटे ने भी इस मामले मे कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनंदा के बेटे की अर्जी में कहा गया था कि "इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए।" हाईकोर्ट ने कहा कि इस बात मे कोई दो राय नहीं कि इस मामले की जांच में पुलिस ने बिना ठोस कारण के समय लगाया है।

कोर्ट ने कहा कि स्वामी का आरोप है कि शशि थरूर ने UPA सरकार में केस को अपने प्रभाव से दबाने की कोशिश की और पुलिस जांच में भी अड़ंगा लगाया। जब कोर्ट से आरोपों का आधार पूछा गया तो स्वामी ने कहा कि वो दूसरा एफिडेविट लगाना चाहते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मामले मे कोर्ट का मिसयूज किया जा रहा है।

कोर्ट ने लगाई पुलिस को फटकार

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि हत्या को हुए तीन साल हो गए हैं और हम जानना चाहते है कि इन तीन सालों में केस कितना आगे बढ़ा है। 
वहीं दिल्ली पुलिस ने खुद का बचाव करते हुए कोर्ट से कहा कि जांच में देरी नहीं हुई है, लेकिन इसकी वजह तकनीकी देरी है। पुलिस ने ये भी साफ किया कि तकनीकी जांच उनके हाथों में नहीं है। मामले की जांच में कुछ एजेंसियों के साथ-साथ एम्स भी शामिल है और इस वजह से थोड़ा समय लग रहा है। 

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कोर्ट ने ये साफ करते हुए कहा कि , "हम जांच की निगरानी नहीं कर रहे हैं। हम बस जानना चाहते हैं कि पुलिस कहां तक पहुंची।" कोर्ट ने पुलिस से कहा कि दो सप्ताह बाद मामले की जांच की प्रगति पर एक रिपोर्ट दाखिल करें। मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तारीख तय की गई है। स्वामी ने मामले की निर्धारित समय में जांच की मांग करते हुए कहा कि इसमें "बहुत प्रभावी लोग शामिल हैं और ऐसे में उन्हें बचाने की कोशिश हो सकती है। साथ ही मामले में पहले ही बहुत अनावश्यक देरी हो चुकी है।" स्वामी ने दावा कि मौत से कुछ दिन पहले ही सुनंदा ने एक भ्रष्टाचार मामले का पर्दाफाश करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी।


 

Created On :   26 Oct 2017 3:41 PM IST

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