सुप्रीम कोर्ट फर्जी बाबाओं द्वारा संचालित आश्रमों पर दाखिल याचिका पर विचार करने को सहमत

Supreme Court agrees to consider the petition filed on the ashrams run by fake babas
सुप्रीम कोर्ट फर्जी बाबाओं द्वारा संचालित आश्रमों पर दाखिल याचिका पर विचार करने को सहमत
सुप्रीम कोर्ट फर्जी बाबाओं द्वारा संचालित आश्रमों पर दाखिल याचिका पर विचार करने को सहमत
हाईलाइट
  • सुप्रीम कोर्ट फर्जी बाबाओं द्वारा संचालित आश्रमों पर दाखिल याचिका पर विचार करने को सहमत

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को एक ऐसी याचिका पर विचार करने पर सहमत हो गया, जिसमें केंद्र को फर्जी बाबाओं द्वारा चलाए जा रहे आश्रमों और आध्यात्मिक केंद्रों को बंद करने के निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें दावा किया गया है कि इन आश्रमों में रहने वाली सैकड़ों महिलाएं गंदे, अस्वास्थ्यकर स्थितियों में रहती हैं, जिस कारण वे कोरोनावायरस से संक्रमित हो सकती हैं।

प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, इस पर गौर करें -क्या किया जा सकता है। इससे सभी की बदनामी होती है।

पीठ ने याचिकाकर्ता से सॉलिसिटर जनरल के कार्यालय को याचिका की एक प्रति देने को कहा। शीर्ष अदालत ने मामले पर मेहता के विचार मांगे और मामले को दो सप्ताह के बाद आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित किया।

सिकंदराबाद निवासी याचिकाकर्ता डुम्पाला रामरेड्डी ने कहा, यद्यपि वीरेंद्र देव दीक्षित, आसाराम बापू, गुरमीत राम रहीम सिंह बाबा आदि के खिलाफ बहुत गंभीर आपराधिक मामले दर्ज किए गए .. लेकिन उनके आश्रम अभी भी उनके करीबी सहयोगियों की मदद से चलाए जा रहे हैं और प्रशासन वहां उपलब्ध सुविधाओं का सत्यापन नहीं कर रहा है।

याचिका में शीर्ष अदालत से आग्रह किया गया है कि वह देश में आश्रम, और अन्य आध्यात्मिक संस्थाओं की स्थापना को लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशानिर्देश तय करने का निर्देश दे।

Created On :   8 July 2020 12:00 PM GMT

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