उत्तर प्रदेश सरकार की जांच से संतुष्ट नहीं है सुप्रीम कोर्ट, शीर्ष अदालत ने कहा- सीबीआई को केस सौंपना समाधान नहीं

Supreme Court on Lakhimpur Kheri violence investigation not satisfied with the action of the state government
उत्तर प्रदेश सरकार की जांच से संतुष्ट नहीं है सुप्रीम कोर्ट, शीर्ष अदालत ने कहा- सीबीआई को केस सौंपना समाधान नहीं
लखीमपुर खीरी हिंसा उत्तर प्रदेश सरकार की जांच से संतुष्ट नहीं है सुप्रीम कोर्ट, शीर्ष अदालत ने कहा- सीबीआई को केस सौंपना समाधान नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में राज्य द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है और कोर्ट एक जिम्मेदार सरकार, व्यवस्था और पुलिस की अपेक्षा करता है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि मामले को सीबीआई को सौंपना समाधान नहीं है। मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, हम राज्य द्वारा की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होने पर पीठ ने साल्वे से सवाल किया, क्या आप अन्य मामलों में भी आरोपियों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं? नोटिस भेज रहे हैं। पीठ ने साल्वे से कहा, जब हत्या और गोली लगने से घायल होने के गंभीर आरोप होते हैं, तो देश के अन्य हिस्सों में आरोपियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। कृपया हमें बताएं। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे से आगे पूछा कि क्या राज्य सरकार ने मामले को सीबीआई को देने का अनुरोध किया है?

साल्वे ने जवाब दिया कि यह पूरी तरह से उनके हाथ में है। हालांकि, पीठ ने साल्वे से कहा, सीबीआई भी कोई समाधान नहीं है और आप इसका कारण जानते हैं .. आप बेहतर तरीका ढूंढ सकते हैं। साल्वे ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है। पीठ ने जवाब दिया, अगर यह एक बेहद गंभीर मामला है तो चीजें कैसे हो रही हैं। यह केवल शब्दों में है और कार्रवाई में नहीं है। साल्वे ने शीर्ष अदालत के समक्ष स्वीकार किया कि राज्य द्वारा जो किया गया है वह संतोषजनक नहीं है और जल्द ही सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी, और पीठ से दशहरा की छुट्टी के तुरंत बाद मामले को सुनवाई के लिए रखने का आग्रह किया। शीर्ष अदालत ने मामले में गठित एसआईटी पर भी कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें स्थानीय अधिकारी शामिल हैं।

 

Created On :   8 Oct 2021 9:00 AM GMT

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