शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट : सोशल मीडिया चैनल माहौल को बहुत ज्यादा ध्रुवीकृत कर सकते हैं

Supreme Court on Shaheen Bagh: Social media channels can polarize the atmosphere a lot
शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट : सोशल मीडिया चैनल माहौल को बहुत ज्यादा ध्रुवीकृत कर सकते हैं
शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट : सोशल मीडिया चैनल माहौल को बहुत ज्यादा ध्रुवीकृत कर सकते हैं
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शाहीन बाग में हुए विरोध प्रदर्शन में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर महत्वपूर्ण अवलोकन किया।

न्यायधीश संजय किशन कौल, अनिरुद्ध बोस और कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने कहा कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्च र का उपयोग करने की क्षमता तेजी से बढ़ रही है, इसके कारण कई बार बिना नेतृत्व के भी आंदोलनों को सशक्त बनाया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा, हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह है कि कई बार सोशल मीडिया चैनल खतरनाक हो जाते हैं और वे बेहद ध्रुवीकृत वातावरण का निर्माण कर सकते हैं।

पीठ ने कहा कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में इन दोनों तरह के परि²श्यों को देखा गया। एक ओर इसके जरिए अपने मुद्दे के लिए महिलाएं एकजुट हुईं और आंदोलन ने गति पकड़ी लेकिन दूसरी ओर इसके कारण यात्रियों को असुविधा हुई।

पीठ ने कहा कि इंटरनेट के युग में डिजिटल कनेक्टिविटी ने दुनिया भर में सामाजिक आंदोलनों को एकीकृत किया है। अदालत ने कहा, हालांकि टेक्नॉलॉजी ने आंदोलन को सशक्त बनाने के लिए ईंधन दिया है और साथ ही साथ कई कमजोरियां भी लाईं हैं।

सार्वजनिक रास्ते को रोकने वाले शाहीन बाग के विरोध का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि यह निष्कर्ष निकालने में कोई संकोच नहीं है कि सार्वजनिक तरीकों से इस तरह के कब्जे स्वीकार्य नहीं है और प्रशासन को ऐसे अतिक्रमण को रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।

स्थिति का प्रबंधन सही तरीके से न करने पर प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए पीठ ने कहा कि उन्हें अपने प्रशासनिक कार्यों को करने के लिए ना तो उन्हें अदालत के आदेशों के पीछे छिपना चाहिए और न सपोर्ट मांगना चाहिए।

कोर्ट ने मामले में वातार्कारों द्वारा निभाई गई भूमिका की भी तारीफ की।

एसडीजे/एएनएम

Created On :   7 Oct 2020 4:32 PM GMT

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