प. बंगाल में बीजेपी की यात्रा को झटका, SC ने कहा- राज्य से ही लें अनुमति
- कोर्ट ने राज्य सरकार को भी राजनीतिक दल के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ध्यान में रखकर प्रस्ताव पर फैसला लेने को कहा है।
- पश्चिम बंगाल में बीजेपी की गणतंत्र बचाओ यात्रा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई
- सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी से कहा कि यात्रा का नया प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में बीजेपी की गणतंत्र बचाओ यात्रा निकालने की कोशिशों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने बीजेपी को नए सिरे से यात्रा का प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार से अनुमति लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को भी राजनीतिक दल के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ध्यान में रखकर प्रस्ताव पर फैसला लेने को कहा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगई और एसके कौल की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार की इस दलील को माना कि बीजेपी की यात्रा से राज्य में कानून व्यवस्था में दिक्कत हो सकती है। इसका बड़ा कारण बीजेपी की यात्रा का फार्मेट बताया गया। हालांकि कोर्ट ने बीजेपी को राज्य में रैलियां और बैठकें करने की अनुमति दी है, क्योंकि ये छोटे पैमाने पर होती हैं।
बीजेपी की यात्रा में अब तक क्या-क्या हुआ
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की गणतंत्र बचाओ यात्रा पहले 7 दिसंबर से प्रस्तावित थी। 6 दिसंबर को हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने बीजेपी को इसके लिए अनुमति देने से मना कर दिया। इसके बाद पार्टी ने डिविजन बेंच की ओर रूख किया। बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को बीजेपी के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर 14 दिसंबर तक फैसला लेने को कहा।
15 दिसंबर को प्रशासन ने तमाम बातचीत के बाद बीजेपी को यात्रा के लिए परमिशन देने से इनकार कर दिया। इसके बाद बीजेपी ने हाई कोर्ट का रूख किया, जहां से 20 दिसंबर को यात्रा के लिए अनुमति दे दी गई। 20 दिसंबर को देर शाम टीएमसी ने कोलकाता हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच में सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी, जिसके बाद 21 दिसंबर को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी। इसके बाद BJP ने कलकत्ता हाई कोर्ट के नए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
Created On :   15 Jan 2019 5:37 PM IST