पूर्व आप पार्षद के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Supreme Court refuses to stay criminal proceedings against former AAP councilor in Delhi riots
पूर्व आप पार्षद के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
दिल्ली दंगा पूर्व आप पार्षद के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
हाईलाइट
  • हुसैन 16 मार्च
  • 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से मना कर दिया। जिसमें 2020 के दिल्ली दंगों के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।

हुसैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सी.टी. रवि कुमार ने कहा कि यह कानून है कि एक ही घटना के लिए दो एफआईआर नहीं हो सकती हैं।

हालांकि, पीठ ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के 16 सितंबर के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है क्योंकि यह एक अंतरिम आदेश है। बता दें, उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए हुसैन ने शीर्ष अदालत का रुख किया था।

गुरुस्वामी ने अपनी दलील में कहा कि इसने उनके मुवक्किल को एक अजीब स्थिति में डाल दिया है कि उनके खिलाफ एक ही घटना में समान अपराधों के लिए आरोप तय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हीं अभियोजन पक्ष के गवाहों पर जांच एजेंसी भरोसा करती है।

पीठ ने कहा कि जब मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है तो उसे इस स्तर पर हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता। गुरुस्वामी ने आगे तर्क दिया कि आरोपी को उसी घटना के संबंध में नए सिरे से जांच के अधीन नहीं किया जा सकता है और यह आपराधिक प्रक्रिया संहिता के साथ-साथ शीर्ष अदालत के निर्णयों के अनुसार मान्य नहीं है।

पीठ ने जवाब दिया कि इस पहलू को उच्च न्यायालय ने अपने 16 सितंबर के आदेश में नोट किया था, जब मामला विचाराधीन है तो ऐसे में शीर्ष अदालत दायर याचिकाओं की हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

हुसैन के खिलाफ दंगा करने और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत खजूरी खास पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर और उसके तहत होने वाली कार्यवाही को रद्द करने के लिए हुसैन के आवेदनों पर उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया गया है। मामले पर 25 जनवरी को उच्च न्यायालय आगे की सुनवाई करेगी।

हुसैन 16 मार्च, 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं।

यह देखा गया कि खजूरी खास पुलिस स्टेशन में दंगा और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत हुसैन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और प्राथमिकी से निकलने वाली कार्यवाही को रद्द करने के लिए हुसैन के आवेदनों पर उच्च न्यायालय द्वारा एक नोटिस जारी किया गया है। और, यह भी नोट किया गया कि मामला 25 जनवरी को उच्च न्यायालय के समक्ष आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया है। हुसैन 16 मार्च, 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं।

(आईएएनएस)

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Created On :   14 Nov 2022 10:31 AM GMT

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