Bihar Assembly Election 2025: सीएम फेस को लेकर महागठबंधन में तेजस्वी पर हां, फिर NDA में नीतीश को लेकर ना क्यों? यहां समझें

सीएम फेस को लेकर महागठबंधन में तेजस्वी पर हां, फिर NDA में नीतीश को लेकर ना क्यों? यहां समझें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार महागठबंधन ने 23 अक्टूबर को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित कर दिया है। इसके बाद से ही बिहार एनडीए में सीएम फेस बनाए जाने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। विपक्षी नेताओं ने सवाल करना शुरू कर दिया कि एनडीए ने अब तक सीएम फेस घोषित क्यों नहीं किया है। वहीं, 23 अक्टूबर को हुई महागठबंधन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एनडीए को भी जल्द सीएम फेस घोषित करना चाहिए। ऐसे में सवाल उठता है कि एनडीए ने अभी तक सीएम फेस घोषित क्यों नहीं किया है? इसके पीछे क्या कारण है? आइए समझते हैं।

बीते 20 साल से बिहार में नीतीश कुमार सीएम बने हुए हैं। साथ ही, हर बार नीतीश कुमार बतौर सीएम फेस ही चुनाव लड़ते थे। साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने भी नीतीश कुमार को ही सीएम फेस घोषित किया था। हालांकि, 2025 के बिहार चुनाव में पहली बार नीतीश कुमार को सीएम फेस नहीं बनाया गया है। इसी मुद्दे पर बिहार की राजनीति में चर्चा तेज है।

नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर उठ रहे सवाल

बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव और महागठबंधन के कई नेताओं ने नीतीश की तबीयत को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नीतीश कुमार की तबीयत अब ठीक नहीं है। उनकी उम्र हो गई है। वहीं, कई मर्तबा नीतीश कुमार के असहज होने की तस्वीरें सामने आती रहती हैं। राष्ट्रगान के दौरान भी वह अचानक अभिवादन करते हुए नजर आ जाते हैं, जिसे लेकर विपक्षी नेताओं ने तंज कसना शुरू कर दिया है।

एंटी-इनकंबेंसी कितना बड़ा फैक्टर

2020 के चुनाव के दौरान भी नीतीश कुमार के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी होने की बात खुलकर सामने आई थी। हालांकि, इस दौरान उनकी पार्टी जेडीयू का परफॉरमेंस ठीक नहीं रहा था। पार्टी केवल 43 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। इसके बाद भी नीतीश कुमार को बीजेपी ने सीएम बनाया। जेडीयू के खराब प्रदर्शन के लिए नीतीश कुमार और पार्टी के अन्य नेता चिराग पासवान को जिम्मेदार बताते हैं, क्योंकि तब चिराग की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने नीतीश कुमार की पार्टी के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारे थे। साथ ही, चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। हालांकि, इस बार भी विपक्षी नेताओं का कहना है कि नीतीश के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी है। वहीं, सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर का कहना है कि नवंबर में बिहार को नया सीएम मिलने वाला है। नीतीश कुमार अब बिहार के सीएम नहीं बनेंगे।

बीजेपी के मन में क्या?

इस बार बिहार में बीजेपी और जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। साथ ही, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) छह-छह सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।

इस बार बीजेपी सीट शेयरिंग के मामले में छोटा भाई बनकर चुनाव नहीं लड़ रही है। वह जेडीयू के साथ बराबरी का चुनाव लड़ रही है। बीजेपी हर चुनाव में नीतीश कुमार को ही सीएम फेस बनाकर चुनाव लड़ी है। लेकिन इस बार बीजेपी बिहार में सीएम फेस को लेकर टेंशन में दिखाई देती है। वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी बिहार में बीजेपी के बड़े चेहरे के तौर पर थे, जिन पर बीजेपी दांव लगाना चाहती थी। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से उनका निधन 13 मई 2024 को हो गया। ऐसे में अभी तक बीजेपी के पास बिहार में बड़ा विकल्प नहीं दिखता, जिस पर पार्टी बड़ा दांव लगा सके।

महाराष्ट्र का फॉर्मूला बिहार में होगा लागू

इस बार माना जा रहा है कि बीजेपी महाराष्ट्र का फॉर्मूला बिहार में भी लागू कर सकती है। यदि बीजेपी चुनाव में ज्यादा सीटें जीतती है, तो राज्य में बीजेपी का सीएम होगा। इस बात के संकेत अशोक गहलोत ने भी महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए थे। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र वाला खेला बिहार में भी लागू होगा। एकनाथ शिंदे को जिस तरह महाराष्ट्र में चुनाव के बाद बीजेपी ने हटा दिया था, उसी तरह बिहार में नीतीश कुमार के साथ हो सकता है।

इस बात पर अटका है मामला

साल 2020 में बीजेपी 74 सीटों पर बिहार में चुनाव जीती थी, वहीं जेडीयू केवल 43 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। इसके बाद भी बीजेपी ने नीतीश कुमार को सीएम की गद्दी सौंपी थी। फिर सवाल यह खड़ा होता है कि इस बार भी अगर बीजेपी ज्यादा सीटें जीतती है, तो नीतीश सीएम क्यों नहीं होंगे? 2020 में बीजेपी के पास केंद्र में बहुमत था, इसके बाद भी पार्टी ने नीतीश पर भरोसा जताया था। इस बार केंद्र में बीजेपी की सरकार नीतीश-नायडू के भरोसे चल रही है। ऐसे में दिक्कत बीजेपी के सिर पर आ सकती है। हालांकि, अब क्या होता है यह तो चुनाव के बाद पता चल ही जाएगा।

Created On :   25 Oct 2025 4:11 PM IST

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