बिहार विधानसभा चुनाव 2025: किसी एक राजनीतिक विचारधारा और पार्टी से बंधा नहीं रहा बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र नालंदा जिले में आता है। इसकी स्थापना 1951 में दक्षिण बिहार क्षेत्र के रूप में हुई थी, जिसे 1962 में उत्तर बिहार और अंततः 1967 में बिहारशरीफ नाम दिया गया। 14.47% एससी ,22.2% मुस्लिम मतदाता हैं। क्षेत्र मुख्य रूप से शहरी है,ग्रामीण मतदाताओं की संख्या भी लगभग 33.06% है। यहां कम वोट परसेंट रहता है, वोट परसेंट बढ़ाना निर्वाचन आयोग के लिए एक चुनौती है।
बिहारशरीफ प्राचीन काल से ही ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। यहां ओदंतपुरी महाविहार एक प्रमुख बौद्ध शिक्षण संस्थान है, जो नालंदा महाविहार के बाद दूसरा सबसे प्राचीन महाविहार था। बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र किसी एक राजनीतिक विचारधारा और पार्टी से बंधा नहीं रहा है। वामपंथी, दक्षिणपंथी और समाजवादी सभी विचारधाराओं वाले दलों की यहां जीत हुई है। बिहारशरीफ क्षेत्र की राजनीतिक यात्रा भी दिलचस्प रही है।
अब तक बिहारशरीफ में 18 चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से कांग्रेस ने पांच बार , सीपीआई और बीजेपी ने चार-चार बार जीत दर्ज की है। जेडीय ने तीन बार, जबकि जनता पार्टी और आरजेडी ने एक-एक बार जीत हासिल की है। बिहारशरीफ में कोइरी वोटर्स बहुल क्षेत्र है। कोइरी जाति से आने वाले डॉ. सुनील कुमार लगातार पांच बार से विधायक हैं। डॉ. सुनील कुमार ने पहले तीन चुनाव जेडीयू के टिकट पर जीते, जबकि 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव बीजेपी टिकट पर जीते।
बिहारशरीफ की उत्पत्ति दो शब्दों से मिलकर हुई है, विहार (मठ या मठवासी स्थल) शब्द से हुई है, जिससे राज्य का नाम 'बिहार' भी पड़ा, शरीफ अर्थात् श्रेष्ठ या महान शब्द से हुई। पर्यटक बिहारशरीफ की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख आधार है। बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।
Created On :   25 Oct 2025 12:33 PM IST












