बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिभूतिपुर की चुनावी राजनीति में कुशवाहा जाति का वर्चस्व, सियासत में जाति, संगठन और चुनावी रणनीति तय करेगा जीत का रास्ता

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में बिभूतिपुर सीट समस्तीपुर जिले में आती है। 1967 में गठित बिभूतिपुर में अब तक यहां 14 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। यहां की चुनावी राजनीति में कुशवाहा जाति का वर्चस्व है, जो एकजुट होकर अपने जाति-आधारित उम्मीदवार को जिताने में निर्णायक भूमिका में होते है। बिभूतिपुर में वामपंथी विचारधारा का गढ़ है,वामपंथी दल यहां मजबूत है। अब तक कुल आठ बार वामपंथी उम्मीदवारों की जीत हुई है, जिसमें सात बार सीपीआई (मार्क्सवादी) और एक बार 1967 में सीपीआई की जीत शामिल है।
1990 से 2005 के बीच पांच लगातार चुनाव सीपीआई (एम) ने जीते. रामदेव वर्मा ने छह बार यह सीट सीपीएम के लिए जीती। 2020 में अजय कुमार (कुशवाहा) ने सीपीएम उम्मीदवार के रूप में जीता, बाकी छह मौकों में बिभूतिपुर सीट तीन बार कांग्रेस, दो बार जेडीयू और एक बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने जीती। 2010 और 2015 में जेडीयू ने जीती थी।
गंगा के मैदानी इलाके में होने के कारण यहां की जमीन अधिक उपजाऊ है, बुढ़ी गंडक नदी सिंचाई और स्थानीय आजीविका में अहम भूमिका निभाती है। कृषि यहां की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। लघु उद्योग और हस्तशिल्प भी स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं। बिभूतिपुर विधानसभा सीट पूरी तरह ग्रामीण है और शहरी वोटर्स नहीं हैं।
विधानसभा चुनाव 2025 में बिभूतिपुर की सियासत में जाति, संगठन, और चुनावी रणनीति का संतुलन ही जीत का रास्ता तय करेगा। बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर रही।
Created On :   25 Oct 2025 12:11 PM IST












