बिहार विधानसभा चुनाव 2025: भभुआ विधानसभा में पिछड़ी जातियों का दबदबा,चुनाव में बहुकोणीय मुकाबला

भभुआ विधानसभा में पिछड़ी जातियों का दबदबा,चुनाव में बहुकोणीय मुकाबला
1972 में रोहतास जिले की स्थापना हुई और 1991 में कैमूर को रोहतास से अलग करके एक नया ज़िला बनाया गया, जिसका मुख्यालय भभुआ बना। हरे रंग से इमारतों के रंगे होने से भभुआ को ग्रीन सिटी भी कहा जाता है। भभुआ प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक विरासत के लिए प्रसिद्द है। भभुआ विधानसभा सभा की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है ,भभुआ का भू-भाग पहाड़ी और समतल दोनों तरह का है। दक्षिण में कैमूर पठार और उत्तर में उपजाऊ मैदान फैले हुए हैं।

डिजिटल डेस्क, पटना।243 विधानसभा सीट वाले बिहार में भभुआ कैमूर जिले में आती है। भभुआ की स्थापना 1532 में शेरशाह सूरी ने की थी। भभुआ में अब तक18 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से एक उपचुनाव 2018 में हुआ था। कांग्रेस 6 बार, बीजेपी और आरजेडी ने तीन-तीन बार, सीपीआई ने दो बार, और जनता पार्टी, बीएसपी और एलजेपी ने एक-एक बार जीता है। 2020 में आरजेडी, 2015 में बीजेपी की जीत हुई। भभुआ में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।

भभुआ में कोइरी और कुर्मी जातियों के रूप में पिछड़ी जातियों की बड़ी तादाद है। दूसरे नंबर पर ब्राह्मण और कायस्थ ऊंची जाति आती है। 22.25% एससी, 2.09% एसटी ,8.2% मुसलमानों की आबादी है। भभुआ एक ग्रामीण क्षेत्र है, जहां केवल 12.86% मतदाता शहरी हैं.

1972 में रोहतास जिले की स्थापना हुई और 1991 में कैमूर को रोहतास से अलग करके एक नया ज़िला बनाया गया, जिसका मुख्यालय भभुआ बना। हरे रंग से इमारतों के रंगे होने से भभुआ को ग्रीन सिटी भी कहा जाता है। भभुआ प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक विरासत के लिए प्रसिद्द है। भभुआ विधानसभा सभा की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है ,भभुआ का भू-भाग पहाड़ी और समतल दोनों तरह का है। दक्षिण में कैमूर पठार और उत्तर में उपजाऊ मैदान फैले हुए हैं।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।



Created On :   24 Oct 2025 2:20 PM IST

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