बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बारबीघा अब कांग्रेस का अभेद्य गढ़ नहीं , एनडीए के नए समीकरण और नई रणनीतियों ने कांग्रेस के किले का ढहाया

बारबीघा अब कांग्रेस का अभेद्य गढ़ नहीं , एनडीए के नए समीकरण और नई रणनीतियों ने कांग्रेस के किले का ढहाया
बारबीघा दो शब्दों से मिलकर बना है, बारह और बीघा, बीघा एक पारंपरिक भूमि माप की इकाई है, 12 बीघा लगभग पांच हेक्टेयर के बराबर होती है। 2020 में जेडीयू और 2015 में कांग्रेस की जीत हुई थी

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में बारबीघा विधानसभा सीट बिहार के नवीनतम और सबसे कम आबादी वाले जिले शेखपुरा में आती है। शेखपुरा को 1994 में मुंगेर जिले से अलग करके गठित किया था। बारबीघा नवादा लोकसभा सीट का हिस्सा है।

1951 में विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद से बारबीघा में अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें 11 बार कांग्रेस 3 बार जेडीयू , 2 बार निर्दलीय और 1 बार जनता पार्टी को जीत मिली। 2020 में जेडीयू और 2015 में कांग्रेस की जीत हुई थी। बारबीघा में करीब 22.22 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 4.1 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। बारबीघा मुख्यतः ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है, ग्रामीण मतदाता ही चुनाव में निर्णायक भूमिका में होते है, जहां केवल 15.61 प्रतिशत वोटर्स शहरी हैं। बारबीघा विधानसभा सीट से चाहे जेडीयू लड़े या भाजपा, यह तो साफ हो गया है कि बारबीघा अब कांग्रेस का अभेद्य गढ़ नहीं रहा है।

बारबीघा दो शब्दों से मिलकर बना है, बारह और बीघा, बीघा एक पारंपरिक भूमि माप की इकाई मानी जाती है, 12 बीघा लगभग पांच हेक्टेयर के बराबर होती है। जो संभवतया: गांव का मूल आकार है। विधानसभा क्षेत्र कृषि के लिए उपयुक्त है। बारबीघा शेखपुरा जिले का सबसे बड़ा वाणिज्यिक केंद्र भी है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेसिक सुविधाओं का इलाके में अभाव है।

बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।

Created On :   24 Oct 2025 1:31 PM IST

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