बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार की राजनीति का एक दिलचस्प मंच बने बरारी में हर चुनाव एक नया मोड़ लाता है,विकास बनता है चुनावी मुद्दा

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में बरारी विधानसभा सीट सामान्य सीट है। जो कटिहार जिले में आती है। कोसी नदी की बजाय यहां की भूमि अत्यधिक उपजाऊ है। इलाके में कई तरह की फसल होती है। कृषि ही यहां की मुख्य अर्थव्यवस्था है। बढ़ते बेरोजगारी के चलते लोगों को रोजगार की तलाश में पलायन करना पड़ता है। बुनियादी विकास में कोई खास प्रोग्रेस नहीं हुई है।
1957 में गठित बरारी विधानसभा सीट पर अब तक 16 बार चुनाव हुए हैं। शुरुआत के सात में से पांच बार कांग्रेस को विजय मिली। कांग्रेस की अंतिम जीत 1980 में हुई। इसके बाद से यहां का वोटर्स हर बार दल बदलता है। बीजेपी और आरजेडी ने दो-दो बार, सीपीआई, जनता पार्टी, लोकदल, जनता दल, एनसीपी, जदयू और एक निर्दलीय उम्मीदवार को एक-एक बार जीत मिली है।
आपको बता दें यहां के वोटर्स दल बदल कर आने वाले नेता का समर्थन करते आए है। करीब 9 फीसदी अनुसूचित जाति, 3.61%अनुसूचित जनजाति, 30 फीसदी के करीब मुस्लिम मतदाता है। मुस्लिम वोटर्स अधिक होने के बावजूद, बरारी ने 16 में से 10 बार हिंदू विधायक निर्वाचित हुए है। मोहम्मद साकूर और मंसूर आलम ही दो मुस्लिम नेता रहे हैं जिन्होंने मिलकर छह बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।
2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को जीत मिली। पक्ष-विपक्ष में गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने से यहां कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। बिहार की राजनीति का एक दिलचस्प मंच बने बरारी में हर चुनाव एक नया मोड़ लाता है।
बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। आज 17 नवंबर को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख है। दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है।
Created On :   24 Oct 2025 1:33 PM IST












