अब वेटिंग ई-टिकट वाले यात्री भी कर सकेंगे ट्रेन में सफर, रेलवे की अर्जी खारिज
- अब काउंटर टिकट लेने वाले यात्रियों के तरह ही ऑनलाइन वेटिंग टिकट लेने वाले यात्री भी ट्रेन में सफर कर सकेंगे।
- अब तक रेलवे का जो नियम था उसमें फाइनल चार्ट बनेने के बाद भी जिन यात्रियों का ई- टिकट वेटिंग में रहता था वह ऑटोमेटिकली कैंसिल हो जाता था।
- काउंटर टिकट और ई-टिकट धारकों के बीच किसी तरह का भेदभाव न हो इसके लिए हाई कोर्ट ने रेलवे को छह महीनों के अंदर उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑनलाइन रेल टिकट बुक कराने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब काउंटर टिकट लेने वाले यात्रियों के तरह ही ऑनलाइन वेटिंग टिकट लेने वाले यात्री भी ट्रेन में सफर कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे की उस अर्जी को खारिज कर दिया है जिसमे रेलवे ने हाईकोर्ट के 2014 के आदेश को चुनौती दी थी। अर्जी खारिज होने के बाद अब हाईकोर्ट का आदेश प्रभावी हो गया है। बता दें कि काउंटर टिकट और ई-टिकट धारकों के बीच किसी तरह का भेदभाव न हो इसके लिए हाई कोर्ट ने रेलवे को छह महीनों के अंदर उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
अब तक था ये नियम
अब तक रेलवे का जो नियम था उसमें फाइनल चार्ट बनेने के बाद भी जिन यात्रियों का ई- टिकट वेटिंग में रहता था वह ऑटोमेटिकली कैंसिल हो जाता था। टिकट कैंसिल होने के बाद टिकट का पैसा ग्राहक के खाते में सीधा ट्रासफर कर दिया जाता था। वहीं विंडो टिकट लेने वाले यात्रियों को वेटिंग के बाद भी ट्रेन में सफर करने की सुविधा रेलवे देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि विंडो टिकट का रिफंड काउंटर पर टिकट कैंसिल कराने के बाद ही जारी किया जाता है। खाली बर्थ रहने पर इन यात्रियों को सीट मिलने का मौका बना रहता है।
भेदभाव को देखते हुए की थी याचिका दायर
याचिका दायर करने वाले वकील विभाष बताते है कि एक बार उन्हें ई-टिकट कन्फर्म न होने की वजह से एजेंट के टिकट पर यात्रा करनी पड़ी थी। इसी भेदभाव को देखते हुए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रेलवे की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया कि हम आदेश देखने के बाद ही कदम उठाएंगे। बता दें कि अभी 75% से ज्यादा लोग ऑनलाइन टिकट खरीदते हैं।
फर्जी नामों से टिकट लेने वालों पर लगाए रोक
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि चार्ट बनने के बाद भी वेटिंग टिकट ऑटोमैटिक कैंसल हो या न हो, इस बारे में धारक को ई-टिकट बुकिंग के समय ही ऑप्शन मिलना चाहिए। वहीं हाई कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा था कि रेलवे फर्जी नामों से टिकट लेने वालों पर रोक लगाए।
Created On :   3 Jun 2018 5:25 PM IST