सबरीमाला : सुप्रीम कोर्ट में 13 नवंबर को होगी पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई
![Supreme Court to hear review petitions on Sabarimala issue on Nov 13 Supreme Court to hear review petitions on Sabarimala issue on Nov 13](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2018/10/supreme-court-to-hear-review-petitions-on-sabarimala-issue-on-nov-13_730X365.jpg)
- नेशनल अयप्पा डिवोटीज एसोसिएशन समेत कई लोगों ने कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी है
- सबरीमाला मंदिर मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 13 नवंबर को सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सही ठहराया था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर मामले में अपने फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 13 नवंबर को सुनवाई करेगा। पुनर्विचार याचिकाएं नेशनल अयप्पा डिवोटीज एसोसिएशन और अन्य भक्तों द्वारा दायर की गई हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सही ठहराया था। कोर्ट के फैसले के अनुसार हर उम्र की महिलाएं मंदिर में जाने के लिए स्वतंत्र है।
हालांकि सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलकर बंद भी हो गए, लेकिन 10 से 50 वर्ष की कोई महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में फैसला आने के बाद भी मंदिर प्रांगण में महिलाओं का प्रवेश वर्जित ही रहा। महिलाओं की एंट्री पर विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए बड़ी संख्या में महिला भक्तों ने सबरीमाला मंदिर से वैसे ही दूरी बनाए रखी। कुछ 10 से 50 वर्ष की महिलाओं ने मंदिर में घुसने का प्रयास तो किया पर मंदिर प्रशासन से उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। करीब 12 महिलाओं को प्रदर्शनकारियों ने भी मंदिर में घुसने से रोक दिया। मंदिर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था लेकिन इन सब के बावजूद विशेष उम्र वर्ग की महिलाएं मंदिर में घुस न सकी।
मंदिर के कपाट को 17 अक्टूबर को खोला गया था। 22 अक्टूबर तक मंदिर आम नागरिकों के दर्शन के लिए खुला रहा। फिलहाल मंदिर के कपाट अगले 12 दिनों के लिए बंद हो गए हैं। 5 नवंबर को मंदिर फिर एक दिन के लिए खुलेगा। इसके बाद 16 नवंबर से 12 दिनों तक मंदिर के कपाट खुले रहेंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पिछले चार सप्ताह से केरल में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हो रही हैं। मंदिर में 10 से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। मंदिर के इस नियम के खिलाफ इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने एक जनहित याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत मांगी थी। इस याचिका पर केरल हाई कोर्ट ने सुनवाई कर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को सही माना था। इसके बाद केरल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की थी और बाद में इसे संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। CJI की अध्यक्षता में संवैधानिक बेंच ने इस याचिका समेत अन्य याचिकाओं पर 17 जुलाई से 1 अगस्त तक लगातार सुनवाई की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने महिलाओं के पक्ष में फैसला दिया था।
Created On :   23 Oct 2018 2:41 PM GMT