सुप्रीम कोर्ट नाबालिग मुस्लिम वधू, उसके पति, पिता से बातचीत करेगा

Supreme Court will hold talks with minor Muslim bride, her husband, father
सुप्रीम कोर्ट नाबालिग मुस्लिम वधू, उसके पति, पिता से बातचीत करेगा
सुप्रीम कोर्ट नाबालिग मुस्लिम वधू, उसके पति, पिता से बातचीत करेगा

नई दिल्ली, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुस्लिम नाबालिग लड़की, उसके पति और पिता को एक अक्टूबर को कोर्ट में बातचीत के लिए उपस्थित रहने को कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की की शादी को अमान्य करार दिया है।

न्यायमूर्ति एन.वी.रमना की अगुवाई वाली पीठ ने 16 साल की मुस्लिम लड़की की याचिका की सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किए। लड़की को उत्तर प्रदेश के महिला आश्रय गृह में रहने का आदेश दिया गया है।

बीते सप्ताह शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव को लड़की की याचिका पर राज्य सरकार का रुख साफ करने के लिए तलब किया था। लड़की ने अपनी याचिका में उम्र की वजह से अपनी शादी को अमान्य करार देने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।

मुस्लिम लड़की ने अपनी याचिका में कहा है कि इस्लामिक कानून के अनुसार एक बार जब एक लड़की यौवन की आयु प्राप्त कर लेती है, जो कि 15 साल होती है, तो वह निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हो जाती है और अपनी पसंद से किसी से भी शादी करने में सक्षम होती है।

हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उसकी याचिका को उसे नाबालिग कहते हुए खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि नाबालिग होने की वजह से उसके मामले को किशोर न्याय (देखभाल व संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अनुसार निपटाया जाएगा। साथ ही कहा था कि लड़की चूंकि अपने माता-पिता के साथ नहीं जाना चाहती, इसलिए उसे आश्रय गृह भेजने का आदेश सही है।

Created On :   23 Sept 2019 9:30 PM IST

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