सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा के वकील बोले- ट्रांसफर में नहीं हुआ नियमों का पालन
- उन्होंने कहा कि कमेटी की सिफारिश पर ही CBI डायरेक्टर नियुक्त किया जाता है।
- वरिष्ठ वकील फली नरीमन ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की तरफ से दलीलें दीं।
- सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर आज (गुरुवार) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।अदालत में सुनवाई के दौरान जोरदार बहस हो रही है। वरिष्ठ वकील फली नरीमन ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की तरफ से दलीलें दीं। उन्होंने कहा कि कमेटी की सिफारिश पर ही CBI डायरेक्टर नियुक्त किया जाता है। डायरेक्टर का कार्यकाल न्यूनतम दो साल होता है अगर इस दौरान असाधारण हालात में सीबीआई निदेशक का ट्रांसफर किया जाना है तो कमेटी की अनुमति लेनी होगी। नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए वर्मा के जवाब लीक होने पर दलील दी कि मीडिया को रिपोर्टिंग से नहीं रोक सकते हैं।
कोर्ट में नरीमन ने CVC का आदेश पढ़ते हुए कहा कि CBI अधिकारी से सारी शक्तियां लेकर उनका ट्रांसफर कर दिया गया, जो नियमों के खिलाफ है। अगर सरकार को कुछ गलत लगता तो उसे पहले समिति में जाना चाहिए था। उनसे संपर्क करना चाहिए था। दूसरी तरफ अंडमान ट्रांसफर किए गए अधिकारी एके बस्सी के वकील राजीव धवन ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से कहा कि पिछली सुनवाई में आपने कहा था कि हम सब सुनवाई के काबिल नहीं हैं। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण था। तब चीफ जस्टिस ने धवन से कहा कि आपको पूरा सुना जाएगा। कपृया आप शांत रहें। इसपर धवन ने कहा कि वह शांत हैं। फिलहाल मामले की सुनवाई 2 बजे तक के लिए टाल दी गई है। दो बजे के बाद फिर से मामले की सुनवाई शुरू होगी।
Created On :   29 Nov 2018 1:15 PM IST