'जेल से जारी लालू की चिट्ठी इमोशनल ब्लैकमेलिंग के सिवा कुछ नहीं'

sushil modi says lalu letter from jail is just emotional blackmailing
'जेल से जारी लालू की चिट्ठी इमोशनल ब्लैकमेलिंग के सिवा कुछ नहीं'
'जेल से जारी लालू की चिट्ठी इमोशनल ब्लैकमेलिंग के सिवा कुछ नहीं'

डिजिटल डेस्क, पटना। चारा घोटाले में जेल में बंद लालू प्रसाद यादव के लिखे लेटर को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इमोशनल ब्लैकमेलिंग बताया है। उन्होंने लालू पर निशाना साधते हुए कहा, भ्रष्टाचार में पकड़े जाने पर जेल जाना क्या सामाजिक न्याय की लड़ाई है? उन्होंने ट्वीट कर कहा कि लालू जेल से झूठी चिट्ठी के सहारे गरीबों-पिछड़ों की इमोशनल-ब्लैकमेलिंग करना चाहते हैं। सुशील मोदी ने लालू पर हमला बोलते हुए कहा है कि चारा घोटाले में दूसरी बार सजायाफ्ता होने के बाद लालू ने जो चिट्ठी जारी की है, उसमें वे उस "जननायक" कर्पूरी ठाकुर से अपनी तुलना करते हैं, जिनकी सादगी-ईमानदारी पर कभी अंगुली नहीं उठी। लालू की चिट्ठी झूठी आत्मप्रशंसा और गरीबों-पिछड़ों की इमोशनल-ब्लैकमेलिंग के सिवा कुछ नहीं है।

सुशील मोदी यहीं नहीं रुके। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, चारा घोटाले में ऊंची जाति के एक पूर्व सांसद सहित 7 दोषियों को लालू प्रसाद से अधिक सजा और जुर्माना देने के फैसले के बाद राजद नेताओं को न्यायपालिका के विरुद्ध अपनी जातिवादी टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए, लेकिन जिन्हें भ्रष्टाचार का अपराध सिद्ध होने के बाद भी कोई अफसोस नहीं, वे हठधर्मी क्या छोड़ेंगे।

सुशील मोदी ने बिहार में "लालटेन युग" की याद दिलाते कहा, 1996 के चारा घोटाला से लेकर 2017 के बेनामी संपत्ति मामले में सीबीआई सहित तीन जांच एजेंसियों की कार्रवाई में लालू परिवार के 6 लोगों के खिलाफ कार्रवाई होने तक 21 साल में राजद ने केवल भ्रष्टाचार और अपराध को संरक्षण देने की राजनीति की। विकास और गरीबी मिटाने से लालू की पार्टी का कोई वास्ता नहीं रहा।

Created On :   7 Jan 2018 11:21 PM IST

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