सुषमा ने कहा- कांग्रेस ने ओछी राजनीति की सारी हदें पार कर दी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में इराक से अगवा हुए 39 भारतीयों की मौत की जानकारी देने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुषमा स्वराज ने यह प्रेस कॉन्फ्रेंस लोकसभा में अपनी बात न रख पाने के कारण की। दरअसल, राज्यसभा के बाद सुषमा स्वराज लोकसभा में इस मुद्दे पर अपनी बात रखने पहुंची थी, लेकिन कांग्रेस के हंगामे के चलते वे अपनी बात नहीं रख पाई। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस ने ओछी राजनीति की सारी हदें पार कर दीं।वह इराक में मारे गए भारतीयों पर राजनीति कर रही है।
सुषमा ने कहा, "मुझे लगा कि लोकसभा में नेता मेरी बातों को ध्यान से सुनेंगे, लेकिन मैं गलत थी। राज्यसभा में मैंने जब यह जानकारी दी, तब सबने शांति के साथ मुझे सुना और मृतकों को श्रद्धांजलि भी दी, लेकिन लोकसभा में ऐसा नहीं हो सका। लोकसभा में कांग्रेस ने पिछले दिनों के हंगामे को आज भी जारी रखा। यह कांग्रेस की निम्न दर्जे की राजनीति का एक बड़ा उदाहरण है।"
सुषमा ने कहा कि जब राज्यसभा में सबकुछ शांति से हो गया तो कांग्रेस ने लोकसभा में हल्ला मचाने की योजना बनाई और इसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदारी दी गई। सुषमा ने पूछा कि कांग्रेस ऐसा क्यों कर रही है, वह मौत पर राजनीति करने पर उतारू क्यों हो गई है।
इसलिए लगा समय
सुषमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया कि उन्हें यह जानकारी सार्वजनिक करने में इतना समय क्यों लगा। उन्होंने कहा, "खोए हुए व्यक्ति को मरा समझ लेना, ये हमारी सरकार नहीं करती। हमने कहा था कि जब तक पुख्ता जानकारी नहीं मिलेगी तब तक हमारी खोज जारी रहेगी। अगवा हुए भारतीय जिंदा है या मारे गए हैं, यह पता लगा पाना इतना आसान नहीं था। एक टीले के नीचे 39 शव होने की जानकारी मिली थी। हमने टीले जांच करने को कहा। भारतीय होने के शक पर हमने उनके DNA सैंपल यहां से भिजवाए। बगदाद में डीएनए सैंपल की मैचिंग की गई और एक-एक शव की पहचान के बाद ही ऐलान किया गया।"
लोगों का गुस्सा जायज
लोगों के गुस्से पर सुषमा ने कहा, "यह जायज है लेकिन मैंने उन्हें अंधेरे में नहीं रखा। मैंने हमेशा कहा कि सबूत नहीं है कि वे जीवत हैं या नहीं। मैंने कहा था कि मैं तभी मृत घोषित करूंगी जब पक्का सबूत मिलेगा। सुषमा स्वराज ने बताया कि वे सभी मृतकों के अवशेष को उनके परिवार को सौंपेंगी जिससे वे सही तरीके से अंतिम संस्कार कर सकें।
39 में से 27 भारतीय पंजाब के
सुषमा ने बताया कि मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों में से पंजाब के 27, हिमाचल के 4, पश्चिम बंगाल के 2 और बिहार के 5 लोगों की शिनाख्त हो चुकी है। एक अन्य भारतीय की पहचान अभी नहीं हो पाई है, हालांकि उसके बिहार के होने की संभावना है।
2014 में मोसुल से हुए थे लापता
जून 2014 में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के इराक के मोसुल शहर में कब्जा करने के बाद 40 भारतीय लापता हो गए थे। इनमें से हरजीत मसीह को बांग्लादेशी नागरिक अली बताकर वापस भेज दिया गया था, जबकि 39 लोग ISIS के चंगुल में ही थे। ये सभी लोग मोसुल में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते थे। अब तक यह उम्मीद थी कि सभी लोग इराक में किसी जेल में बंद हो सकते हैं।
Created On :   20 March 2018 5:52 PM IST