10 अप्रैल को चंपारण में जुटेंगे 22 हजार स्वच्छाग्रही, देश के 3 लाख 44 हजार गांव ODF घोषित

Swachagrah campaign will be start in Champaran on April 10, 2018
10 अप्रैल को चंपारण में जुटेंगे 22 हजार स्वच्छाग्रही, देश के 3 लाख 44 हजार गांव ODF घोषित
10 अप्रैल को चंपारण में जुटेंगे 22 हजार स्वच्छाग्रही, देश के 3 लाख 44 हजार गांव ODF घोषित
हाईलाइट
  • 10 अप्रैल 2018 को चंपारण में होने वाले सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे।
  • स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत इस वर्ष 26 मार्च तक 3 लाख 44 हजार गांवों
  • 338 जिलों और 12 राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है।
  • अक्टूबर 2014 में ग्रामीण भारत में जहां 55 करोड़ लोग खुले में शौच जाते थे तो वहीं मार्च 2018 में यह संख्या घटकर 25 करोड़ पर पहु

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने पिछले चार वर्ष में खुले में शौच जाने वाले लोगों की संख्या में प्रभावी कमी आने का दावा किया है। देश में चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अब तक साढ़े छह करोड़ शौचालय बनाए गए हैं और 3 लाख 44 हजार गांव खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किए जा चुके हैं। इस क्रम में चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने के बाद बिहार के चंपारण की धरती पर एक और आग्रह स्वच्छाग्रह के लिए तैयार है। 10 अप्रैल 2018 को चंपारण में होने वाले सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे।

स्वच्छाग्रहियों को सम्मानित करेंगे पीएम मोदी

केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने बताया कि सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम में पूरे देश से लगभग 22 हजार स्वच्छाग्रही शिरकत करेंगे। इनमें 10 हजार स्वच्छाग्रही अकेले बिहार के होंगे। प्रधानमंत्री भारी संख्या में जुटने वाले इन स्वच्छाग्रहियों का उत्साहवर्द्धन करेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान को गति मिलेगी।इस मेगा शो का मकसद बिहार, उत्तरप्रदेश, ओडिशा और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाने पर फोकस करना है।

अय्यर ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत इस वर्ष 26 मार्च तक 3 लाख 44 हजार गांवों, 338 जिलों और 12 राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। उन्होने बताया कि अक्टूबर 2014 में ग्रामीण भारत में जहां 55 करोड़ लोग खुले में शौच जाते थे तो वहीं मार्च 2018 में यह संख्या घटकर 25 करोड़ पर पहुंच गई है। मतलब यह कि इस दौरान 30 करोड़ लोगों ने खुले में शौच जाना छोड़ दिया है। बता दें कि मोदी सरकार महात्मा गांधी के 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है।

Created On :   3 April 2018 8:58 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story