वॉलमार्ट-फ्लिप्कार्ट डील के खिलाफ स्वदेशी जागरण मंच, कहा यह देशहित में नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फार्च्यून ग्लोबल 2017 के आधार पर दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्टने फ्लिप्कार्ट को खरीद लिया है। कई महीनों से इस सौदे को लेकर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे थे, लेकिन बुधवार को सौदे को अंतिम रूप देते हुए वॉलमार्टने फ्लिप्कार्ट के 77 फीसदी शेयर्स को साढ़े नौ खरब रुपए में अधिग्रहित कर लिया। इस सौदे का स्वदेशी जागरण मंच ने विरोध किया है।
वॉलमार्ट को कहा "चोर"
स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक ख़त लिखा, जिसमे उन्होंने इस सौदे को अनैतिक गैरकानूनी बताते हुए जांच की मांग की है। अश्विनी महाजन ने कहा कि यह डील गैर कानूनी तरीके से की गयी है, भारत में अभी ई कॉमर्स को लेकर फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की इजाजत नहीं है, फ्लिप्कार्ट के कंधे पर बन्दूक रखकर वॉलमार्टचोरी छिपे भारत में घुसने का प्रयास कर रहा है। महाजन ने कहा कि हम नरेन्द्र मोदी जी से इस मामले में दखल देने का अनुरोध करते हैं, वॉलमार्टअगर यहां व्यापार करेगा तो वह चीन से माल एक्सपोर्ट कर भारत में बेचेगा जो कि यहां के बाजार के लिए नुकसानदायक है और मेक इन इंडिया नीति का क्या होगा। उन्होंने कहा कि इस सौदे की गाज भारतीय उद्द्योग और किसानों पर गिरेगी।
भारत को हो सकती है आर्थिक क्षति
स्वदेशी जागरण मंच के अनुसार इस डील से भारत आर्थिक तौर पर कमजोर होगा क्योंकि इस सौदे के तार सिंगापुर से लेकर बंगलुरु और दिल्ली तक जुड़े हैं। अश्विनी महाजन के मुताबिक सिंगापूर में डील हुई, दिल्ली में अनुमति मिली, बंगलुरु में इसकी घोषणा हुई और जब अंशों का ट्रान्सफर किया जाएगा तो पैसा भारत कैसे आएगा।
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हिस्से के तौर पर पहचाना जाने वाला स्वदेशी जागरण मंच, भारत में उद्योग और संस्कृति के हित में लोगों को जागरूक करने का काम करता है।
Created On :   10 May 2018 12:49 AM IST