स्वाति मालिवाल ने 10 दिन बाद तोड़ा अनशन, कहा- मांगे पूरी हुईं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के राजघाट पर दस दिनों से भूख हड़ताल पर बैठीं स्वाति मालीवाल ने अनशन तोड़ दिया है। नाबालिगों से रेप के मामले में छह महीने के भीतर फांसी की सजा देने की मांग को लेकर स्वाति ने ये अनशन रखा था। स्वाति ने छोटी बच्चियों के हाथों जूस पीकर अपना अनशन तोड़ा। उनका अनशन तुड़वाने उनकी दादी भी राजघाट पहुंची थीं। अनशन तोड़ते हुए स्वाति ने कहा, "पहले मैं अकेली लड़ रही थी लेकिन फिर मुझे पूरे देश से सपॉर्ट मिला। मुझे लगता है कि यह एक ऐतिहासिक जीत है और मैं इस जीत पर सबको बधाई देती हूं।"
मालूम हो कि स्वाति मालीवाल ने शनिवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सूचना दी थी कि उनकी सारी मांगे केंद्र सरकार ने मान ली हैं। हड़ताल का समापन करते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा, "हर रोज तीन, चार, छह साल की बच्चियों से नृशंसता के साथ बलात्कार हो रहा है। मैंने पत्र लिखे, नोटिस जारी किये। मैंने नागरिकों द्वारा लिखे गए 5।5 लाख पत्र प्रधानमंत्री को सौंपे, लेकिन सारा व्यर्थ गया।"
उन्होंने कहा, "उसके पश्चात मैंने भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया। कोई रणनीति नहीं थी। धीरे-धीरे पूरे देश में लोग इस आंदोलन से जुड़ते गये। उसे इतना बल मिला कि प्रधानमंत्री को भारत लौटने के बाद कानून में संशोधन करना पड़ा। स्वाति के अनशन के आखिरी दिन सुबह हवन किया गया, जैन धर्म की प्रार्थना की गई, नमाज़ अदा की गई। उनके अनशन के दिन स्वाति 90 वर्षीय नानी सीधे अस्पताल से उनसे मिलने धरनास्थल पहुंचीं, उनके हाथों में सलाइन ड्रिप लगी हुई थी।
DCW Chief Swati Maliwal breaks her indefinite hunger strike, says, "I was fighting alone but then I was supported by people across the country. I think this is a historical victory in independent India. I congratulate everyone on this victory." pic.twitter.com/RAwlKOnyVP
— ANI (@ANI) April 22, 2018
बता दें कि शनिवार को केंद्र सरकार ने 12 साल तक की बच्ची के साथ रेप के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान कर दिया। इसके लिए पॉक्सो ऐक्ट में बदलाव का ऑर्डिनेंस जारी किया गया है। इसके बाद स्वाति ने ऐलान कर दिया था कि वह रविवार को अनशन खत्म करेंगी। उन्होंने कहा था, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करती हूं कि उन्होंने अपनी इस जिद्दी बेटी की बात मान ली। वह आज ही सुबह लंदन से वापस आए थे, अमूमन कैबिनेट की मीटिंग बुधवार को होती है, लेकिन शनिवार को स्पेशल कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई और।।। यह स्वाति की जीत नहीं है, यह देश की बेटी-बेटों और निर्भयाओं की जीत है।"
Created On :   22 April 2018 5:19 PM IST