स्वाति मालीवाल ने दुष्कर्म के मुद्दे पर महिला सांसदों को झकझोरा

Swati Maliwal shocks women MPs over rape issue
स्वाति मालीवाल ने दुष्कर्म के मुद्दे पर महिला सांसदों को झकझोरा
स्वाति मालीवाल ने दुष्कर्म के मुद्दे पर महिला सांसदों को झकझोरा

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना की घटना के बाद दुष्कर्मियों के लिए और कठोर कानून लाने की मांग उठने लगी है। इसके लिए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने राजघाट स्थित समता स्थल पर अनशन शुरू किया है। उनके साथ सैकड़ों लड़कियां भी अनशन कर रही हैं। दूसरे दिन निर्भया की मां ने भी अनशन स्थल पहुंचकर स्वाति को समर्थन दिया।

अनशन स्थल से स्वाति ने महिला सांसदों को पत्र लिखकर झकझोरने की कोशिश की है। उन्होंने दुष्कर्मियों के लिए सख्त कानून की मांग संसद में उठाने की मांग की है।

स्वाति ने कहा, यदि आप मांग संसद में नहीं उठा पातीं तो उम्मीद करूंगी कि राजघाट आकर देश की बेटियों के अनशन में भाग लेंगी और तब तक नहीं रुकेंगी जब तक देश में महिला अपराध के खिलाफ मजबूत तंत्र नहीं बन जाता।

स्वाति ने पत्र में कहा कि पिछले तीन सालों में दिल्ली महिला आयोग ने 55,000 केस की सुनवाई की है। हेल्पलाइन 181 पर ढाई लाख कॉल्स अटेंड कीं और 75000 ग्राउंड विजिट की।

यह देश का इकलौता महिला आयोग है जो शनिवार और रविवार को रात-दिन काम करता है। दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ स्वाति कई बार अनशन कर चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि सिर्फ कानून बना देना काफी नहीं है, उसको लागू भी करना होगा। इसलिए यह जरूरी है कि तत्काल सभी रेपिस्टों को छह महीने में फांसी की सजा का कानून लागू हो। स्वाति ने महिला सांसदों से कम से कम छह मांगें संसद में उठाने की मांग की है। पहली मांग है कि निर्भया के दोषियों को तुरंत फांसी दी जाए, क्योंकि इंतजार करते-करते आठ साल हो गए।

उनकी अन्य मांगें हैं, दुष्कर्मियों को छह महीने में फांसी के लिए सभी कानूनों में संशोधन के साथ दया याचिका की समय सीमा भी तय हो। गृह मंत्रालय 66000 कर्मी दिल्ली पुलिस को उपलब्ध कराए। देशभर में अधिक से अधिक फास्ट ट्रैक कोर्ट खोली जाएं।

स्वाति ने कहा कि दिल्ली में कम से कम और 45 कोर्ट की जरूरत है। निर्भया फंड को लेकर उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ रुपये देश की बच्चियों की जान बचाने में काम आ सकते थे, मगर यह फंड वर्षो से सरकारी खजानों में बंद हैं।

Created On :   4 Dec 2019 6:00 PM GMT

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