लालू के बेटे तेज प्रताप पर सरकारी जमीन पर मंदिर बनवाने का आरोप
डिजिटल डेस्क, पटना। आरजेडी नेता और लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने और बिना अनुमति मंदिर बनवाने का आरोप लगा है। इस आरोप के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच कराने की बात कही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेज प्रताप यादव ने राज्य सरकार की एक जमीन पर अवैध कब्जा कर इस पर एक मंदिर का निर्माण कराया है। मंदिर के बगल में मौजूद शिलापट्ट में इसकी स्थापना तिथि 28 अगस्त 2017 बताई गई है। शिलापट्ट पर ये भी लिखा है कि इसका उद्घाटन तेज प्रताप यादव और उनके भाई तेजस्वी यादव ने किया है।
इन आरोपों पर राज्य सरकार के लोक निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा है कि यह मामला हाल ही में सरकार के संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा, "सरकार को अभी इस मामले की प्राथमिक जानकारी मिली है और हम इस दिशा में आगे की जांच कराएंगे।
उधर तेज प्रताप यादव ने पटना में आवंटित सरकारी बंगला छोड़ दिया है। उन्होंने बंगला ये कहते हुए छोड़ा है कि इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भूतों को खुला छोड़ दिया है।
बता दें कि 3, देशरत्न मार्ग स्थित यह बंगला उन्हें राज्य की पिछली सरकार में मंत्री रहने के दौरान आवंटित किया गया था, लेकिन पिछले साल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) व कांग्रेस के महागठबंधन की सरकार के गिर जाने तथा बाद में नीतीश कुमार ने जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया, तब कई राजनेताओं से सरकारी बंगले खाली करने के लिए कहा गया था, जिनमें तेजप्रताप यादव भी शामिल थे।
इसके खिलाफ आरजेडी के कुछ पूर्व मंत्री पटना हाईकोर्ट पहुंचे थे, जहां आदेश पर स्टे (स्थगनादेश) लगा दिया गया, और इसके बाद सरकार ने बंगलों में रह रहे नेताओं को मार्केट रेट (बाज़ार दर) से बंगलों का किराया अदा करने के लिए कहा। हालांकि जिन लोगों ने बंगले खाली नहीं किए, उन्होंने अब तक इस आदेश का पालन नहीं किया है। उधर मुख्यमंत्री की पार्टी ने तेजप्रताप यादव के "भूतों वाले" बयान को पब्लिसिटी हासिल करने का तरीका बताया है।
Created On :   22 Feb 2018 5:04 PM IST