अमेरिका से दाभोल पहुंची LNG की पहली खेप, समझौते के तहत 32 अरब डालर की आपूर्ति

- अमेरिका के लुइसियाना के चेनीयर इनर्जी लिमिटेड से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की पहली खेप शुक्रवार को गेल (इंडिया) लिमिटेड की कोंकण तट पर स्थित दाभोल टर्मिनल तक पहुंची।
- अमेरिका से लेकर भारत को कच्चे तेल की पहली खेप 2017 के अक्टूबर में ओडिशा पहुंची थी।
- एलएनजी की पहली खेप 20 साल के एलएनजी आपूर्ति के दो समझौतों के तहत आई है। इसकी कीमत 32 अरब डॉलर है।
- यह निवेश निर्माणाधीन ‘ब्रैकवाटर’ सुविधा को पूर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमेरिका के लुइसियाना के चेनीयर इनर्जी लिमिटेड से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की पहली खेप शुक्रवार को गेल (इंडिया) लिमिटेड की कोंकण तट पर स्थित दाभोल टर्मिनल तक पहुंची। एलएनजी की पहली खेप 20 साल के एलएनजी आपूर्ति के दो समझौतों के तहत आई है। इसकी कीमत 32 अरब डॉलर है। गेल और मैरीलैंड की डोमिनियन इनर्जी की कोव पॉइंट परियोजना और लुसियाना स्थित चेनियर कंपनी की सबाइन पास परियोजना के बीच इस संबंध में समझौता किया गया था।
समझौते के तहत पहली खेप चेनियर इनर्जी इंक से दाभोल पहुंची है। इस मौके पर अमेरिकी वाणिज्यिक मामलों के मिनिस्टर काउंसलर पैट्रिक सैंटिलो, कोलकाता में अमेरिकी महावाणिज्यदूत क्रेग हॉल और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उपस्थित थे। इस मौके पर सैंटिलो ने कहा कि अमेरिका ऊर्जा सहयोग के व्यापक स्तर पर भारत के साथ भागीदारी करता रहा है, चाहे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे तेल हो या एलएनजी या अन्य कोयला या नवीकरणीय ऊर्जा हो।
तेल की पहली खेप 2017 के अक्टूबर में ओडिशा पहुंची
अमेरिका से लेकर भारत को कच्चे तेल की पहली खेप 2017 के अक्टूबर में ओडिशा पहुंची थी। उन्होंने कहा-भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टेर ने टिप्पणी की है कि अमेरिका भारत को एक व्यापक ऊर्जा भागीदारी की पेशकश करने में सक्षम है और ऊर्जा निर्यात द्विपक्षीय व्यापार घाटे को कम करने के एक प्रमुख माध्यम के रूप में उभर रहा है जबकि साथ ही भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी बढ़ावा दे रहा है। इस मौके पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गेल की नयी कंपनी कोंकण एलएनजी द्वारा 700 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की।
यह निवेश निर्माणाधीन ‘ब्रैकवाटर’ सुविधा को पूरा करने में किया जाएगा। इसके पूरा होने पर यह टर्मिनल हर मौसम में काम करने वाला केंद्र बन जाएगा। इस समय यह टर्मिनल साल के केवल आठ महीने में ही परिचालन कर सकता है। प्रधान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ब्रैकवाटर के लिए टेंडर को अंतिम रूप दे दिया गया है। टेंडर शीघ्र ही जारी किए जाएंगे। काम मानसून से पहले या मानसून के तुरंत बाद शुरू होने की उम्मीद है।
Created On :   30 March 2018 8:35 PM IST