भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ देश में बना 'प्रचंड', कोहरे और बारिश के बीच, ज्यादा ऊंचाई से हमला करने की क्षमता वाले इस हेलिकॉप्टर से छूटेंगे चीन और पाक के पसीने

The increased strength of the Indian Air Force, the fighter helicopter was involved, know its specialty
भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ देश में बना 'प्रचंड', कोहरे और बारिश के बीच, ज्यादा ऊंचाई से हमला करने की क्षमता वाले इस हेलिकॉप्टर से छूटेंगे चीन और पाक के पसीने
भारतीय वायुसेना का आरंभ है 'प्रचंड' भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ देश में बना 'प्रचंड', कोहरे और बारिश के बीच, ज्यादा ऊंचाई से हमला करने की क्षमता वाले इस हेलिकॉप्टर से छूटेंगे चीन और पाक के पसीने
हाईलाइट
  • इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने किया है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत का अपने पड़ोसी मुल्कों पाकिस्तान और चीन से सीमा विवाद बीते कई सालों से जारी है, इस बीच भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा हुआ है। दरअसल, सेना को आज भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान मिल गए हैं। जोधपुर एयरबेस में इसको लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में देश के रक्षा मंत्री, नए सीडीएस जनरल अनिल चौहान और वायुसेना के चीफ वीआर चौधरी मौजूद रहे। सर्वधर्म प्रार्थना के बाद 10 हल्के लड़ाकू विमानों को इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल किया गया। बता दें इन स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को प्रचंड नाम दिया गया है। 

इस हेलीकॉप्टर को जोधपुर एयरबेस में तैनात किया जाएगा। इनकी तैनाती से सीमा पर होने वाली गैरकानूनी गतिविधियां और आतंकियों की घुसपैठ पर लगाम लगेगी। 

भारत में हुआ है निर्माण

इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने किया है। यह पूर्ण रुप से स्वदेशी लड़ाकू विमान हैं। इनको सीमा पर ज्यादा ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनाती के लिए बनाया गया है। इन विमानों का उपयोग उन जगहों पर भी होता है, जहां फाइटर जेट का उपयोग नहीं हो सकता। 

सीमा पर दुश्मनों का करेगा खात्मा

वायुसेना अधिकारियों का कहना है कि इस हेलीकॉप्टर को हाई एल्टीट्यूड वाले इलाकों में सेना को हल्के वजन वाले घातक हथियार सप्लाई करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। वायुसेना के मुताबिक, प्रचंड हेलिकॉप्टर में गजब की गतिशीलता है। ऊंचे स्थानों में युद्ध करने के लिए इसकी रेंज को बढ़ाया गया है, मतलब यह ऊंचे स्थानों पर भी आसानी से तैनात हो सकता है। इसके अलावा प्रचंड में सभी मौसम में हमला करने की तकनीक दी गई है। कोहरा, बारिश में भी इसकी मारक क्षमता में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

प्रचंड की खासियत

वायुसेना के अधिकारी ने बताया कि सेना अभी 95 हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर प्रचंड और खरीदने का प्लान बना रही है। सेना इन हेलीकॉप्टरों को सात यूनिटों में सात पहाड़ी बेस पर तैनात करने की रणनीति बना रही है। भारत में बने ये लड़ाकू हेलिकॉप्टर कई खूबियों से लेस हैं-

  • प्रचंड हेलीकॉप्टरों में दो लोग बैठ सकते हैं। इनकी लंबाई 51.10 फीट जबकि ऊंचाई 15.10 फीट है।  5800 किलोग्राम वजनी यह हेलीकॉप्टर 268 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ सकता है। 
  • प्रचंड की कॉम्बैट रेंज 550 है। यह अपनी एक उड़ान में तीन से सवा तीन घंटे उड़ सकता है। इनका निर्माण ध्रुव हेलीकॉप्टर से किया गया है। साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में इन हेलीकॉप्टरों की जरुरत महसूस की गई थी।
  • प्रचंड हेलीकॉप्टर पर एक 20 एमएम की एम-621 कैनन या नेक्स्टर टीएचएल-20 टरेट लगा सकते हैं।  इसके अलावा इनमें रॉकेट, मिसाइल और बम लगाए जा सकते हैं। 
  • इन हेलिकॉप्टरों में एवियोनिक्स सिस्टम लगा हुआ है, जिस कारण न तो दुश्मन इनसे छिप सकता है और न ही इन पर हमला कर सकता है। 
  • प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टर में राडार एंड लेजर वॉर्निंग सिस्टम लगाया गया है। इसके साथ ही इनमें शैफ और फ्लेयर डिस्पेंसर सिस्टम लगाया गया है जिसकी सहायता से दुश्मन मिसाइल और रॉकेटों को हवा में ही नष्ट किया जा सकता है।  


  

Created On :   3 Oct 2022 11:46 AM GMT

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