IAF चीफ ने कहा, जंग जीतने के लिए शक्तिशाली हथियारों की जरूरत

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। देश में अन्य सैन्य ठिकानों के पास पठानकोट जैसे हमले दोबारा हो सकते हैं। वे लोग हमें नई जगहों पर हमला कर चौंका सकते हैं। भारतीय वायुसेना प्रमुख बी.एस.धनोआ ने दिवंगत एयर चीफ मार्शल एल. एम. कात्रे की याद में आयोजित वार्षिक व्याख्यान में शनिवार को यह बात कही । उन्हाेंनें कहा कि पठानकोट हमले के बाद वायुसेना ने लगातार अपनी सुरक्षा क्षमता बढ़ाई है और ऐसे किसी भी फिदायीन हमले से निपटने के लिए बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हम अब कम समय में मिली सूचना पर भी संघर्ष के लिए तैयार हैं।
आपको बता दें कि आतंकवादियों ने पठानकोट वायुसेना अड्डे पर 2 जनवरी, 2016 को हमला कर दिया था। जिसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे और 10 आतंकवादी मारे गए थे।
बड़े हथियारों का करना होगा आयात
हथियार आयात पर भारतीय वायुसेना के प्रमुख बी. एस. धनोवा ने कहा कि अगर हम बड़े हथियार आयात नहीं करेंगे तो हम छोटे और कम क्षमता वाले हथियारों के साथ दुश्मनों के सामने टिक नहीं पाएंगे। हमें युद्ध जीतने के लिए मजबूत और शक्तिशाली हथियार खरीदने की जरूरत है।
धनोवा ने कहा कि चीन ने तिब्बत के वायु क्षेत्र में लगातार मौजूदगी बनाई हुई है, लेकिन वहां के एयरफील्ड में आक्रामक अभियानों को अंजाम देने के लिए जरूरी सैन्य बुनियादी ढांचे का अभाव है। धनोवा ने साथ ही कहा कि हालांकि पाकिस्तान से लगी देश की पश्चिमी सीमा आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती बनी हुई है, भारत को उत्तरी एवं पूर्वी सेक्टरों में परिचालन संबंधी कुशलता के लिए बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने और उसक निर्माण करने की जरूरत है।
वायुसेना प्रमुख की टिप्पणी हाल ही में डोकलाम में चीन के साथ हुए गतिरोध की पृष्ठभूमि में आयी है, जो दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने के बाद खत्म हुई। उन्होंने कहा कि उपग्रहों से उपलब्ध तस्वीरों से पता चला कि तिब्बत के एयरफील्ड आक्रामक अभियानों के लिहाज से अनुकूलित नहीं हैं बल्कि क्षेत्रीय संपर्क सुनिश्चित करने की दिशा में ज्यादा अनुकूलित हैं तथा सैन्य बुनियादी ढांचे के अभाव का सामना कर रहे हैं।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, अगर आप आक्रामक अभियानों के लिए अनुकूलित दूसरे एयरफील्ड की तरफ देखें तो आप पाएंगे कि वे एयरफील्ड जो कामकाज से जुड़े हैं और तिब्बत के एयरफील्ड में अंतर है। धनोवा एयर चीफ मार्शल एल एम खत्रे स्मृति व्याख्यान दे रहे थे जिसका आयोजन एयर फोर्स एसोसियेशन, कर्नाटक ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के सहयोग से किया था।
Created On :   10 Sept 2017 9:23 AM IST