विधि आयोग के मुखिया का पद सितंबर 2018 से खाली, सुप्रीम कोर्ट ने एजी से राय मांगी

The post of the head of the Law Commission is vacant since September 2018, the Supreme Court sought the opinion of the AG
विधि आयोग के मुखिया का पद सितंबर 2018 से खाली, सुप्रीम कोर्ट ने एजी से राय मांगी
नई दिल्ली विधि आयोग के मुखिया का पद सितंबर 2018 से खाली, सुप्रीम कोर्ट ने एजी से राय मांगी
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमनी से राय मांगी, जिसमें केंद्र को भारतीय विधि आयोग में नियुक्ति करने का निर्देश देने की मांग की गई है। आयोग के प्रमुख का पद सितंबर 2018 से ही खाली है।

प्रधान न्यायाधीश यू.यू. ललित और जस्टिस एस. रवींद्र भट ने शुरू में कहा था कि वह याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि इसमें विधि आयोग की नियुक्ति से संबंधित वैधानिक प्रावधान की अनुपस्थिति का हवाला दिया गया था। हालांकि, याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने अदालत से अनुरोध किया कि वह एजी को इस मामले में अदालत की सहायता करने के लिए कहें और वे उपाध्याय के सुझाव पर सहमत हो गए।

याचिका में कहा गया है कि 30 अगस्त, 2018 से भारत का विधि आयोग नेतृत्वविहीन रहा है और यहां तक कि संवैधानिक अदालतों द्वारा महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दों की जांच करने का निर्देश केवल एक मृतपत्र बना हुआ है।

याचिका में कहा गया है, भारत का विधि आयोग 1 सितंबर, 2018 से काम नहीं कर रहा है, इसलिए केंद्र को कानून के विभिन्न पहलुओं पर इस विशेष निकाय की सिफारिशों का लाभ नहीं है, जो आयोग को इसके अध्ययन और सिफारिशों के लिए सौंपे गए हैं। विधि आयोग, केंद्र, शीर्ष न्यायालय और उच्च न्यायालयों द्वारा इसे दिए गए संदर्भ पर कानून में अनुसंधान करता है और उसमें सुधार करने और नए कानून बनाने के लिए मौजूदा कानूनों की समीक्षा करता है।

अधिवक्ता अश्विनी कुमार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि विधि आयोग न केवल उन कानूनों की पहचान करता है, जिनकी अब जरूरत नहीं है या प्रासंगिक नहीं हैं और जिन्हें तुरंत निरस्त किया जा सकता है, बल्कि राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के आलोक में मौजूदा कानूनों की जांच करें और सुधार के तरीके सुझाएं। याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने 19 फरवरी, 2020 को बाइसवें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दी थी, लेकिन उसने अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं की है।

दलील में कहा गया है कि विधि आयोग कानून और न्यायिक प्रशासन से संबंधित किसी भी विषय पर अपने विचार रखता है और विदेशों में शोध प्रदान करने के अनुरोधों पर भी विचार करता है। केंद्र सरकार ने पिछले साल दाखिल अपने जवाब में कहा था कि विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति संबंधित अधिकारियों के पास विचाराधीन है।

 

आईएएनएस

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Created On :   11 Oct 2022 12:30 AM IST

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