मेरिट में दसवें स्थान पर आई बिहार बोर्ड परीक्षा में फेल कर दी गई छात्रा

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में शिक्षा विभाग की गड़बड़ियों का कोई अंत नहीं है। बिहार के सहरसा जिले की छात्रा प्रियंका सिंह को मैट्रिक की परीक्षा में साइंस और संस्कृत की परीक्षा में फेल कर दिया गया था। उसने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं का रिवैलुएशन कराया तो भी वह पास नहीं हो सकी। प्रियंका के सभी पेपर अच्छे हुए थे। इस लिए वह मानने को तैयार नहीं थी कि वह फेल भी हो सकती है। परिजनों से सलाह के बाद उसने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया। कोर्ट के फैसले के बाद वह केवल पास ही नहीं हुई, बिहार बोर्ड की खामियों को उजागर करते हुए उसने बोर्ड परीक्षा में दसवां स्थान हासिल किया। हाईकोर्ट ने बुधवार को दिए निर्णय में बिहार माध्यमिक शिक्षा मंडल को पांच लाख रुपए प्रियंका को अदा करने का आदेश दिया।
प्रियंका हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका
प्रियंका सिंह ने इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दी थी। परीक्षा में उसे संस्कृत में चार और विज्ञान में 9 नंबर मिले। परिणाम जारी होने के बाद प्रियंका ने स्क्रूटिनी में दोनों विषयों का पुनर्मूल्यांकन कराया, तो उसके अंकों में मामूली वृद्धि तो हो गई, लेकिन वह पास अब भी नहीं हुई थी। प्रियंका को पूरा विश्वास था कि वह फेल नहीं हो सकती। उसने अपने परिजनों को समझाया और पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। जहां कोर्ट ने कहा कि यदि छात्रा का आरोप गलत पाया गया तो छात्रा पर 40 हज़ार रु का आर्थिक दंड लगाया जाएगा। छात्रा इसके लिए राजी हो गई। उसने उसी दिन अदालत में 40 हजार रुपए जमा कर दिए।
खुला बड़े गोरखधंधे का राज
इसके बाद कोर्ट ने बोर्ड को छात्रा की उत्तर पुस्तिका अदालत में पेश करने का आदेश दिया। बोर्ड ने किसी दूसरी छात्रा की उत्तर पुस्तिका अदालत में पेश की। प्रियंका ने इसकी शिकायत पर हैंडराइटिंग की जांच की गई तो उत्तर पुस्तिका में दूसरे की हैंडराइटिंग पाई गई। यह कापी किसी और छात्रा की थी, जिसे बार कोड़ बदल कर प्रियंका की कापी से बदला गया था। जांच में पाया गया कि वह लड़की फेल थी, लेकिन बोर्ड ने प्रियंका की उत्तर पुस्तिका के आधार पर उसे पास घोषित कर दिया था। इस तरह इस मामले की जांच में बिहार बोर्ड द्वारा फेल छात्रों को पास करने के गोरखधंधे का खुलासा हो सका।
बोर्ड पर किया पांच लाख का जुर्माना
अदालत की फटकार के बाद बोर्ड ने प्रियंका की मूल कॉपी पेश की गई। मूल कापी में प्रियंका को संस्कृत में 61 और साइंस में 80 नंबर मिले थे। बाकी विषयों में भी प्रयंका को अच्छे नंबर मिले थे। इन दो बिषयों में फेल होने की वजह से वह फेल हो गई थी। असली कापी में मिले नंबरों को जोड़ने के बाद प्रियंका केवल पास ही नहीं हुई, बल्कि उसने बिहार बोर्ड में दसवां स्थान हासिल किया। कोर्ट ने स्वीकार किया कि इस मामले में प्रियंका और उसके अभिभावकों भारी तनाव से गुजरना पड़ा। इसकी भरपाई के लिए कोर्ट ने बोर्ड को पांच लाख रुपए की राशि अगले तीन माह में उनके खाते में जमा करने का आदेश दिया।
Created On :   21 Oct 2017 9:43 PM IST