झारखंड में गुरुवार से एहतियात उपायों के साथ खुलेंगे मंदिर

The temple will open in Jharkhand with precautionary measures from Thursday
झारखंड में गुरुवार से एहतियात उपायों के साथ खुलेंगे मंदिर
झारखंड में गुरुवार से एहतियात उपायों के साथ खुलेंगे मंदिर
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रांची, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। करीब सात महीने के अंतराल के बाद झारखंड में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर गुरुवार से खुल जाएंगे।

हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने 1 अक्टूबर को मंदिरों को खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। राज्य सरकार ने कुछ प्रतिबंधों के साथ दुर्गा पूजा मनाने की भी अनुमति दी है।

अधिकारियों ने राज्य के महत्वपूर्ण मंदिरों का दौरा किया और भक्तों के लिए दिशानिर्देश जारी किए। रामगढ़ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार को मां छिन्नमस्तिका मंदिर का दौरा किया और मंदिर को फिर से खोलने की तैयारियों को लेकर समीक्षा की।

मां छिन्नमस्तिका मंदिर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है।

दिशानिर्देशों के अनुसार, मास्क के बिना किसी भी भक्त को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और भक्त को अपने साथ सैनिटाइजर ले जाना होगा। वहीं एक वक्त में सिर्फ पांच भक्तों को ही गर्भ गृह में जाने की अनुमति दी जाएगी। सुबह की प्रार्थना के बाद मंदिर खोला जाएगा। मंदिर परिसर में एक समय में अधिकतम 100 लोगों को अनुमति दी जाएगी, जबकि परिसर में प्रवेश के लिए कतार में सिर्फ 150 भक्तों को ही अनुमति दी जाएगी।

शिव मंदिर में भक्तों को शिवलिंग को छूने की अनुमति नहीं होगी। लोगों को सिर्फ अर्ध्य प्रणाली के माध्यम से दूर से जल चढ़ाने की अनुमति दी जाएगी।

वहीं देवघर का शिव मंदिर पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर खोला गया था। देवघर मंदिर में पूजा करने के लिए एक समय में सिर्फ 100 भक्तों को अनुमति दी जाती है। यह शिवलिंग 12 ज्योर्तिलिगों में से एक है।

राज्य में जगह-जगह कोविड -19 प्रोटोकॉल के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाएगा।

राज्य सरकार के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि दुर्गा पूजा विशेष रूप से चयनित छोटे पंडाल में भी की जा सकती है, जहां यह पूजा पारंपरिक रूप से होती आ रही है। पूजा में जन-भागीदारी की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, इन पंडालों का निर्माण किसी भी थीम पर आधारित नहीं होगा।

मूर्ति चार फीट से अधिक ऊंची नहीं होगी। आदेश में कहा गया है कि पूजा पंडाल के आस-पास के क्षेत्र में कोई सजावट या लाइटिंग व्यवस्था नहीं होगी और न ही पूजा पंडालों में और इसके आसपास द्वार या तोरणद्वार बनाए जाएंगे। पंडाल में मूर्ति वाले स्थान को छोड़कर पूरा पूजा पंडाल पूरी तरह हवादार होगा। दुर्गा पूजा पंडाल और उसके आसपास खाद्य पदार्थों के स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं होगी।

एमएनएस/एएनएम

Created On :   7 Oct 2020 1:31 PM GMT

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