इस बार पूर्वोत्तर दिल्ली में पुलिस के पहरे में होली का त्योहार

This time, the festival of Holi under the police guard in northeast Delhi
इस बार पूर्वोत्तर दिल्ली में पुलिस के पहरे में होली का त्योहार
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हाईलाइट
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नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जबरदस्त पुलिस पहरे के बीच होली का त्योहार मनाया जा रहा है। सोमवार को यहां हर छोटे-बड़े बाजार, रिहायशी इलाकों और चौक चौराहों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों का पुख्ता बंदोबस्त देखने को मिला। इस बीच होली पूजन के लिए स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर निकले और चौराहों पर सजाई गई होली पूजा में शामिल हुए।

पूर्वोत्तर दिल्ली में पिछले महीने हुई हिंसा का तनाव अभी भी देखा जा सकता है। हालांकि सोमवार को इस तनाव के बावजूद स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण रही।

गौरतलब है कि 24 से 26 फरवरी के बीच उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, सीलमपुर, कबीर नगर, विजय पार्क, गोकुलपुरी, भजनपुरा, लोनी, करावल नगर, चांदबाग, खजूरी, बृजपुरी, मुस्तफाबाद आदि इलाकों में जबरदस्त हिंसा देखने को मिली थी। इस दौरान आगजनी, गोली चलाने और पत्थरबाजी की कई वारदातें सामने आई। यहां हुई हिंसा में 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक घायल हुए हैं। वहीं कई घर, दुकानें, वाहन और यहां तक कि पेट्रोल पंप को भी इस हिंसा में आग के हवाले कर दिया गया।

पिछले दिनों हुई हिंसा के मद्देनजर अब स्थानीय लोग व पुलिस दोनों ही सतर्कता बरत रहे हैं। यह सतर्कता होली के त्योहार पर भी देखने को मिली। पिछले वर्षो की तरह इस बार होली पूजन के मौके पर मौजपुर, गोकुलपुरी और बृजपुरी आदि इलाकों में अधिक भीड़ देखने को नहीं मिली। यहां अमूमन महिलाएं बड़े-बड़े समूहों में एक साथ गीत गाते हुए होली पूजन के लिए पहुंचती हैं, लेकिन इस बार यहां पहले से कम महिलाएं होली पूजन के लिए दिखीं।

विजय पार्क में रहने वाली आशा शर्मा ने कहा, पहले हम सभी महिलाएं एक दूसरे के एकत्रित होने का इंतजार करती थी और फिर सब यहां से गीत गाते हुए घोंडा चौक पर होली पूजने जाती थी। इस बार हमने घर के सामने ही यह कार्यक्रम करने का फैसला किया है। हालांकि अब यहां शांति है और हमने किसी प्रकार का खतरा नहीं होने के बावजूद सावधानी बरतते हुए घर से ज्यादा दूर न जाने का फैसला किया है।

कुछ ऐसी ही स्थिति मौजपुर निवासी नीतू सैनी की भी है। नीतू यहां अपने पति के पुश्तैनी घर में रहती हैं। उनकी दो देवरानियां उत्तम नगर और द्वारका से हर बार होली के लिए उनके घर पहुंचती थी और फिर सभी लोग साथ मिलकर होली पूजन के लिए जाते थे। नीतू ने कहा, इस बार उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के भय से मेरी देवरानियों ने यहां आने से मना कर दिया, जिसके बाद अब मैंने अकेले ही होली पूजन किया है। वैसे भी इस बार हमारी गली में होली को लेकर रौनक नहीं है।

Created On :   9 March 2020 6:31 PM IST

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