लापरवाही की इंतहा, दांव पर थी हजारों मुसाफिरों की जान

Three train runs on one track, thousands of people have been in trouble
लापरवाही की इंतहा, दांव पर थी हजारों मुसाफिरों की जान
लापरवाही की इंतहा, दांव पर थी हजारों मुसाफिरों की जान

डिजिटल डेस्क, इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक बड़ा रेल हादसा होत-होते टल गया। इलाहाबाद के पास दुरंतो एक्सप्रेस, हटिया-आनंद विहार एक्सप्रेस और महाबोधि एक्सप्रेस एक ही ट्रैक पर आ गईं। इसी बड़ी लापरवाही को समय रहते देख लिया गया, वरना किसी बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता था।

ये लापरवाही ऐसे समय सामने आई है जब रेलवे लगातार सवालों के घेरे में है। लगातार हो रहे हादसों के बीच सरकार से सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर रेल दुर्घटनाओं की वजह क्या है? गौरतलब है कि हाल ही में रेल हादसों के बाद सुरेश प्रभु की जगह पीयूष गोयल नए रेल मंत्री बनाए गए हैं। महकमा संभालते ही गोयल ने रेलवे में जवाबदेही और सुरक्षा पर जोर भी दिया है

बीते हफ्ते ही डिरेल हुई थी ट्रेन

19 सितंबर को यूपी के सीतापुर में 54322 बालामऊ-बुढवल पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई थी, ट्रेन सीतापुर कैंट स्टेशन से कुछ ही दूर पर पहुंची थी तभी पुलिस लाइन रेलवे क्रॉसिंग पार करते समय ट्रेन के इंजन के दो पहिये पटरी से उतर गए थे।

लगातार हादसों ने बढ़ाई चिंता

19 अगस्त : यूपी में रेल हादसे का ये चौथा मामला सामने आया है। सबसे पहले 19 अगस्त को यूपी के मुजफ्फरनगर के खतौली के पास कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के 14 कोच डिरेल हो गए थे। इस हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। 

23 अगस्त : अगला हादसे इसके ठीक 5 दिन बाद ही 23 अगस्त को हुआ। जब आजमगढ़ से दिल्ली जा रही कैफियत एक्सप्रेस ओरैया के पास एक डंपर से टकरा गई थी। इस टक्कर में ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे, जिसमें 74 लोग घायल हो गए थे। 

7 सितंबर : इसके बाद पीयूष गोयल के रेल मंत्री बनने के अगले ही दिन 7 सितंबर को यूपी में फिर रेल हादसा हुआ। इस बार हावड़ा से जबलपुर जा रही शक्तिपुंज एक्सप्रेस यूपी के सोनभद्र जिले में डिरेल हो गई। इस हादसे में ट्रेन के 7 डिब्बे पटरी से उतर गए थे और कुछ पैसेंजर्स को मामूली चोट भी आई थी। 

Created On :   26 Sept 2017 2:51 PM IST

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