अखिल भारतीय बाघ आंकलन 2022 की तैयारियां शुरू, वन विभाग को किया जा रहा प्रशिक्षित
- मप्र में बाघों की गणना के लिए प्रशिक्षण
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में अखिल भारतीय बाघ आंकलन 2022 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बाघों की गणना के लिए वन विभाग के अमले को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस बार इस काम में मास्टर ट्रेनर वरिष्ठ नहीं कनिष्ठ अधिकारियों को बनाया गया है।
भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया) और वन विभाग के दक्ष अधिकारियों द्वारा वन मण्डल के मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण के दौरान अखिल भारतीय बाघ गणना के फेस -एक से संबंधित डाटा कलेक्शन के विभिन्न चरणों की बारीकियों से समझाने के साथ ही उन्हें प्रत्यक्ष रूप से डाटा कलेक्शन के तौर-तरीकों और प्रक्रिया से अवगत कराया गया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अलोक कुमार ने बताया कि इस बार के बाघ आंकलन में डाटा कलेक्शन पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से विशिष्ट ईकोलॉजिकल एप के जरिए किया जाएगा। इसमें प्रदेश भर के नौ हजार स्थानों से पेपर लेस डाटा इकठ्ठा किया जाएगा। इस नई प्रक्रिया के बारे में मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया।
उल्लेखनीय है कि गांधी सागर अभ्यारण्य में हुए प्रशिक्षण में रतलाम, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, धार, झाबुआ और अलीराजपुर के वन मंडलों के मास्टर ट्रेनर और माधव राष्ट्रीय उद्यान के प्रशिक्षण-सत्र में शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, मुरैना, अशोकनगर वन मण्डल और कूनो राष्ट्रीय उद्यान, माधव राष्ट्रीय उद्यान के मास्टर ट्रेनर शामिल हुए।
ज्ञात हो कि वन विभाग ने अखिल भारतीय बाघ आकंलन 2018 में वरिष्ठ अधिकारियों के स्थान पर क्षेत्रीय कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर बनाया था। उसी तर्ज पर इस बार भी बाघ गणना का कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकारी द्वारा वन रणथंभौर में हाल ही में हुई नेशनल ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला में अन्य राज्यों के अधिकारियों ने इस मॉडल को बेहतर मानते हुए इसे अपने राज्य में लागू किए जाने की इच्छा जताई है। बाघ आंकलन में वन मण्डल स्तरीय मास्टर ट्रेनर का जिम्मा वन रक्षक, वनपाल, उप वन क्षेत्रपाल, वन क्षेत्रपाल स्तर के अधिकारियों को सौंपा गया है। जबकि वर्ष 2018 से पहले वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ही आंकलन किया जाता था।
(आईएएनएस)
Created On :   19 Aug 2021 7:00 PM IST