500 रुपये में आधार डाटा लीक, UIDAI ने पत्रकार पर भी दर्ज कराई FIR

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आधार नंबर बिकने की खबर प्रकाशित करने वाले अखबार और पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद UIDAI ने सफाई दी है। यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने कहा है कि इस मामले में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि व्हिसलब्लोअर के खिलाफ कदम उठाया गया है। UIDAI ने कहा है कि यह कहना सही नहीं है कि हमने "शूटिंग द मैसेंजर" की नीति को अपनाया है।
UIDAI ने ट्विटर पर एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है, ‘हाल ही में ‘द ट्रिब्यून’ की जिस रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर की गई है, उसके बाद से मीडिया में यह कहा जा रहा है कि यूईडीएआई मीडिया या व्हिसलब्लोवर्स को टारगेट कर रहा है और मैसेंजर को शूट कर रहा है, लेकिन यह बात बिल्कुल भी सही नहीं है। हम प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। हमारे द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के कदम को मीडिया पर या व्हिसलब्लोवर्स पर हमले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।’ इससे पहले, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इस मामले में अखबार और रिपोर्टर पर एफआईआर किए जाने की आलोचना की थी
UIDAI का कहना है कि वह आपराधिक मामले को काफी गंभीरता से लेता है। इस मामले में अनधिकारिक सेंध लगाने की कोशिश के तहत आपराधिक प्रक्रिया शुरू की गई है। पत्रकार पर FIR को लेकर UIDAI का कहना है कि एक अपराध के लिए एफआईआर दर्ज करवानी जरूरी है। इसके लिए आपको पूरे मामले की जानकारी देनी होती है और इसमें शामिल लोगों के नाम भी बताने होते है
UIDAI का कहना है, "एफआईआर में नाम आने का मतलब यह नहीं है कि संबंधित शख्स अपराधी है। इस मामले में UIDAI ने 4 जनवरी को शिकायत दी थी। इसके अगले दिन एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में कोई अपराधी है या नहीं यह तो पुलिस जांच और मुकदमे के बाद ही पता चलेगा।
बता दें कि ‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट में महज 500 रुपये में देश के करोड़ों लोगों का आधार नंबर हासिल करने का दावा किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि महज 500 रुपए में नाम, पता, पोस्टल कोड, फोटो, फोन नंबर और ई-मेल सब आसानी से मिल जाते हैं।
इस रिपोर्ट के बाद यूआईडीएआई ने ‘द ट्रिब्यून’ और रिपोर्टर रचना खैरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इसके अलावा एफआईआर में अनिल कुमार, सुनील कुमार और राज के नाम भी शामिल हैं। रिपोर्ट में इन तीनों का हवाला दिया गया था, जिनसे रचना खैरा ने रिपोर्टिंग के दौरान संपर्क किया था। साइबर सेल में आईपीसी की विभिन्न धाराओं (419, 420, 468 और 471) के तहत मामला दर्ज कराया गया। सोशल मीडिया पर मीडिया को टारगेट किए जाने के सवाल के जवाब में अब यूआईडीएआई ने इन आरोपों और आलोचनाओं पर सफाई दी है।
Created On :   7 Jan 2018 10:30 PM IST